जन सागर टुडे संवाददाता, नरेश सिंघानिया
गाजियाबाद। कॉविड-19 कोरोना के बाद ब्लैक फंगस और सफेद ने जहां लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू किया तो वहीं अब यलो फंगस ने भी यहां दस्तक दे दी है जिसके बाद से लोग पूरी तरह से भयभीत है। हालांकि किसी सरकारी भी प्रकार से इसकी सरकारी तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन जिस निजी अस्पताल में फंगल इंफेक्शन के मरीजों का इलाज चल रहा है तो वहां के प्रबंधक डॉक्टर बी.पी. त्यागी ने पीले फंगस की पुष्टि की है। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद में निजी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में इन दिनों फंगल इंफेक्शन के मरीजों का ही उपचार हो रहा है। अभी तक इनके पास 19 ब्लैक फंगस और 7 व्हाइट फंगस के मरीज आए हैं। यानी अभी तक कुल 26 मरीज ब्लैक और वाइट फंगस के आ चुके हैं जिनका ऑपरेशन किया जा चुका है ।इसके अलावा उनके पास एक मरीज ऐसा आया है जिसमें ब्लैक वाइट और यलो फंगस भी पाई गई है । उन्होंने बताया कि अभी तक लिटरेचर में येलो फंगस का कोई जिक्र नहीं है । लेकिन जिस तरह के सिम्टम्स नजर आए हैं वह जलो फंगस को दशार्ते हैं।
डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि ब्लैक फंगस या तो आंख के रास्ते से दिमाग की तरफ जाती है या नाक की तरफ से फेफड़े की तरफ जाती है और इसके साथ ही अब यलो फंगस भी एक मरीज को पाई गई है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से इसके उपचार के लिए जो इंजेक्शन उपलब्ध होने चाहिए वह अभी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं इनका उपचार काफी महंगा होता है यदि समय पर इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएं तो मरीज के उपचार में बेहद आसानी होती है । इसके अलावा जिस मरीज को यलो फंगस बताई गई है उस मरीज के तीमारदार ने बताया कि उसके पिताजी को कोविड हुआ लेकिन उनका उपचार लम्बा चला । उन्हें आराम भी हुआ लेकिन अचानक ही उन्हें खांसी के साथ खून और पेशाब में भी खून आया तो उन्हें अस्पताल लाया गया यहां पर उनके तमाम परीक्षण होने के बाद डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि इन्हें ब्लैक वाइट और येलो तीनों फंगस पाई गई है। फिलहाल इनका उपचार जारी ह