बुलंदशहर : कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच एक बार फिर जहां देश भर में खौफ का माहौल बन रहा है, वहीं दनकौर के चचूला गांव में एक शादी ऐसी भी हुई जिसने लोगों को कोरोना के खतरे के बीच सकारात्मक संदेश दिया है। सिर्फ 15 बरातियों के साथ 3 युवतियों की शादी के चलते कोरोना काल में यह विवाह मिसाल बन गया है, क्योंकि जहां शादी करने पर बैंड, बाजा, बारात के साथ लोग पहुंचते थे, वहां कोरोना ने चंद लोगों की उपस्थिति में शादी करने को मजबूर कर दिया।
पिछले वर्ष भी ऐसी कई शादी देखने को मिली थीं और इस वर्ष भी शादी का सीजन आते ही कोरोना ने फिर कोहराम मचाना शुरू कर दिया। ऐसे में कोरोना के बढ़ते शिकंजे के चलते एक बार फिर सादगी पूर्वक विवाह कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस शादी के जरिये देशभर के लोग सबक लेंगे और बीमारी के प्रति जागरूक रहने के साथ कुछ ऐसा ही करेंगे। दरअसल, बुलंदशहर जिले के गुलावठी ब्लॉक के ग्राम शेरपुर के जगवीर सिंह खारी अपने तीन बेटे आकाश , विकास व निखिल दूल्हे और 15 बराती सहित गौतमबुद्धनगर जिला के दनकौर क्षेत्र के गांव चचूला में समयपाल नागर के घर पहुंचे।
इस बारात में ना बैंड था और ना बाजा। केवल दूल्हा था और सिर्फ 15 बराती थे। इस विवाह में कोविड-19 नियमों का पालन किया गया। यह शादी बिना ताम-झाम के घर में बहुत ही सादगी पूर्ण तरीके से हुई। गांव में यह विवाह कार्यक्रम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है । समयपाल नागर ने अपनी तीन बेटियां रिया, ईषा व कोमल की शादी कोरोना गाइडलाइंस के तहत हुई। गुर्जर समाज के प्रबुद्ध लोगों ने फैसले की बहुत सराहना किया । गुर्जर समाज के शादी समारोह में होने वाली फिजूलखर्ची रोकने के लिए गांव-गांव बहुत बैठक व पंचायत आयोजित करने के बाद भी समाज नहीं चेता तो अब समय आ गया है समाज फिजूलखर्ची रोक आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवारने में धन खर्च करे, न की झूठी शान में..