गाजियाबाद के उद्यमी भी कोरोना वारियर्स बन कर उभरे
जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश राजकीय औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने उद्योग व उद्यमियों को भरोसा दिलाया है कि कोरोना संकट काल में उनकी तमाम मुश्किलों का त्वरित समाधान उपलब्ध कराया जाएगा। यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मयूर माहेश्वरी ने जनपद के उद्यमियों का आह्वान करते हुए कहा कि जिले के उद्यमी जनपद ही नहीं प्रदेश में भी कोरोना वारियर्स के रूप में उभर कर सामने आए है।
उन्होंने कहा कि ग़ाज़ियाबाद मूलतः औद्योगिक नगरी है जहां की दो तिहाई जनसंख्या किसी न किसी रूप में उद्योगों से जुड़ी हुई है। माहेश्वरी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में शासन और प्रशासन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर संकट से निपटने को एकजुट हैं।
एक बयान में माहेश्वरी ने कहा कि संकट के इस दौर में भी गाजियाबाद के उद्यमी और उद्योग माननीय मुख्यमंत्री की आशाओं और निर्देश पर खरे उतरे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने उद्यमियों की कठिनाइयों जिनमें कच्चे माल की कमी को दूर करना और तैयार माल की सप्लाई मुख्य बाधा को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने का निर्देश दिया था, का शत-प्रतिशत पालन किया गया है।
इसके अलावा उद्योगों के संचालन हेतु मज़दूरों का पलायन नहीं होने दिया गया। माहेश्वरी ने दावा किया कि यूपीसीडा के सतत प्रयासों की वजह से जनपद में 80 से 85 फीसदी उद्योग संचालित हैं। जिनमें प्रर्याप्त संख्या में मज़दूर काम पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपीसीडा द्वारा सभी अनुमतियां एवं सेवाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं।
वर्तमान समय में आवंटितों को किसी भी कार्य के लिए यूपीसीडा के कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। उद्धमी अपने कार्यालय या घर से ऑनलाइन आवेदन कर कोई भी सेवा या अनुमति प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा क्षेत्रीय प्रबंधक व अधिकारी फ़ोन पर हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के प्रकोप और गत वर्ष के अनुभव के मद्देनजर यूपीसीडा द्वारा विगत माह से ही उद्यमियों को बड़े उद्योगों में कोविड हेल्प डेस्क एवं छोटे उद्योगों में संयुक्त हेल्प डेस्क के अलावा एसोसीएशन के माध्यम से अलग-अलग ब्लॉक में हेल्प डेस्क स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिसके फलस्वरूप आज औद्योगिक क्षेत्रों में 5606 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित और संचालित हैं।
प्रत्येक डेस्क में ऑक्सीमीटर,थर्मामीटर, दस्ताने और सेनेटाइजर उपलब्ध है। यूपीसीडा द्वारा अपने कार्यालय में भी हेल्प-डेस्क संचालन के साथ सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उद्यमियों के सभी कार्य निस्तारित किए जा रहे हैं।
यूपीसीडा की पहल पर गाजियाबाद की 40 इकाइयों में 211 आइसोलेशन बैड भी स्थापित किए गए हैं। आने वाले सप्ताह में इनकी संख्या दुगनी कर दी जाएगी। ऑक्सीजन की सप्लाई की कमी को दूर करने के लिए यूपीसीडा द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग के लिए टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है।
साथ ही सभी उद्यमियों से ऑक्सिजन सिलेंडर समर्पित करने की अपील की गई है। जिसके अंतर्गत लगभग दो सौ इकाइयों द्वारा अस्पतालों एवं प्रशासन को दो हजार सिलेंडर सौंपे गए हैं। यही नहीं उद्यमियों द्वारा इनकी निशुल्क रीफिलिंग का बीड़ा भी उठाया जा रहा है। उद्यमियों की इस पहल का जिले की ऑक्सिजन उपलब्धता पर अनुकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है।
इसी क्रम में विभाग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी द्वारा हाल ही में ज़िले के प्रबुद्ध उद्यमियों के साथ विडीओ कॉन्फ़्रेन्स के जरिए संवाद भी स्थापित किया गया था। जिसमें उनके एवं उद्यमियों के बीच समस्याओं एवं सुझावों पर विस्तृत चर्चा हुई ।
चर्चा के दौरान माहेश्वरी ने कोविड के परिप्रेक्ष्य में नए प्रोजेक्ट्स के साथ ऑक्सिजन सम्बंधित उद्योग प्रारम्भ करने पर भी बल दिया। यहां एक बात और जानने योग्य है कि जनपद के ऑक्सीजन आधारित आयरन और स्टील उद्योग अब प्लाजमा कटर का प्रयोग कर रहे हैं।
जो कि गाजियाबाद ही नहीं प्रदेश और देश की ऐसी इकाइयों के लिए मिसाल और प्रेरणा है। यूपीसीडा की पहल पर प्रदेश में ऑक्सीजन ग्रिड की स्थापना की भी योजना है। मौजूदा समय में औद्योगिक क्षेत्रों में दो ऑक्सिजन जनरेशन प्लांट और आठ रीफिलिंग प्लांट संचालित हैं।