जनसागर टुडे : धीरेन्द्र अवाना
नोएडा। कोऱोनावायरस जैसी महामारी बीमारी को हमारे देश में डेढ़ वर्ष से भी अधिक हो हो गया लेकिन सरकार की नाकामियों की वजह से अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया है। ऊपर से आक्सीजन की कमी के कारण चार हजार से भी अधिक मौतें रोजाना हो रही है। इतने घरों के चिराग बुझ जाने के बाद भी सरकार द्वारा 5 जी के ट्रायल को अभी तक नही रोका जिसकी वजह से आम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
क्या सरकार ऐसे लोगों के घरों में उजाला ला सकती है।गरीब मजदूर, किसान, सरकारी अस्पतालों में पीड़ितों को लेकर इलाज के लिए गिड़गिड़ाते है मिन्नतें मांगते हैं| लेकिन वहां डाक्टरों द्वारा इलाज के नाम पर दुत्कार व गालियां मिलती है और मरीज बिना इलाज के मौत को गले लगा लेता है
जैसे कि कल एक मामला स्वास्थ्य केन्द्र दादरी का सोशल मीडिया के माध्यम से सज्ञान में आया कि मरीज को डाक्टरों द्वारा इलाज नहीं किया गया और उसकी मौत हो गयी।ओर तो ओर डाक्टर पीड़ितों को डंडा लेकर मारने के खड़े थे।ऐसी और कई घटनाएं हुई हैं|
प्राइवेट अस्पतालों में कोरोनावायरस के नाम पर मरीजों से लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं जिन प्राइवेट अस्पतालों में EcsH CGHS,व अन्य हैल्थ इन्श्योरेंस कम्पनियों के कार्ड को मान्य मानकर इलाज किया जाता था।लेकिन आज कोरोना जैसी परिस्थिति में निजी अस्पतालों ने कार्ड से इलाज करना बन्द कर दिया है।क्योंकि कार्ड से इलाज करने से वो अपनी मनमानी नही कर पायेगे।
इलाज ना होने पर लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।मौजूदा परिस्थितियों को देखकर ऐसा प्रतीत हाेता है जैसे शासन प्रशासन बिल्कुल बौना साबित हो रहा है। भारतीय किसान यूनियन बलराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी ने कहा कि शासन प्रशासन उन सब प्राइवेट अस्पतालों की गहनता से जांच करें जो इलाज के नाम पर मरीजों से लाखों रुपए वसूल रहे हैं और उचित कार्रवाई करें अन्यथा भारतीय किसान यूनियन बलराज ऐसे अस्पतालों व डाक्टरों के खिलाफ आन्दोलन करने पर मजबूर होगा।