जनसागर टुडे संवाददाता
अवसर को अर्थ में भूनाने वालों ,भले ही आज तुम्हारी गिद्ध दृष्टि एक – एक शिकार पर टिकी हुई है, एंबुलेंस से लेकरऑक्सीजन ,अस्पताल ,दवाई ,डॉक्टर , शासन-प्रशासन , श्मशान…… दिन प्रतिदिन फेहरिस्त लंबी होती जा रही है .. … जो कोई भी धन के लिए ईमान और इंसानियत को लील रहे हैं, ईश्वर करे फोटो पत्रकार केविन कार्टर की तरह एक दिन उनका भी जमीर जगे और वे भी उसकी तरह आत्महत्या करें ।
(मार्च 1993 में सूडान में आए अकाल के दौरान फोटो पत्रकार केविन कार्टर द्वारा खींचा गया यह फोटो जिसके लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया , इंटरव्यू के वक्त जब उनसे पूछा गया कि भूख से मर रही अंत में उस लड़की का क्या हुआ तब वहां कितने गिद्ध थे ,तो कार्टर ने जवाब दिया कि उसे नहीं मालूम कि अंत में क्या हुआ , क्योंकि उन्हें फ्लाइट पकड़ने की जल्दी थी लेकिन वहां एक ही गिद्द था।
,जब इंटरव्यू ले रहे व्यक्ति ने कार्टर को बताया कि वहां कैमरा पकड़े हुए एक गिद्ध और भी था….. 33 वर्षीय युवा कार्टर के समझ में जब यह बात आई तो आत्मग्लानि से भरे स्वयं को धिक्कारते हुए उसने आत्महत्या कर ली ) मित्रों उक्त फेहरिस्त का कोई जिम्मेदार विवेकशील व्यक्ति यदि किसी दिन आत्महत्या कर ले तो दुखी मत होना सोच लेना उसका जमीर जग गया है।
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सच्चिदानंद शर्मा