जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : युवा राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश महासचिव अभिषेक त्यागी ने बताया जमीन से लेकर जनता तक खेत से लेकर सांसद तक सभी विपक्ष के नेता चौधरी साहब का बहुत सम्मान करते थे लोग कहते हैं। राजनीति विरासत में मिली ऐसा नहीं था चौधरी चरण सिंह जी की जब तबीयत खराब थी
तब अजित सिंह अमेरिका में नौकरी कर रहे थे राजनीति से कोसों दूर 1986 में वो पहली बार राज्यसभा के सांसद बने और 1989 केबिनेट
ने उद्योग मन्त्री पद मिला और 1988 में लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने उस समय जातिवाद राजनीति में घुस चुका था। हर किसान जाति के नेता स्थापित हो चुके थे भारतीय किसान यूनियन के उदय ने भी चौधरी अजित सिंह को बहुत नुकसान पहुंचाया जाट जाति में बंटकर चारों तरफ फैल गये।
चौधरी साहब शान्त स्वभाव छलबल कूटनीति से दूर बेदाग छवि के किसान नेता थे किसानों को कोल्हू में रेट कम मिलते थे। मील में ज्यादा लेकिन मीलो की दूरी सत्तरह से अस्सी किलोमीटर होती थी किसान गन्ना डालने जाता था तो समय बहुत लगता था और ट्रेक्टर का डीजल भी ऐसे में चौधरी साहब ने प्रयास कर बयालीस मिल लगवाए जिस कारण हर 30 किलोमीटर पर मील लग गये।
चौधरी साहब ने हर सम्भव प्रयास कर बिरादरी के लिऐ आरक्षण की व्यवस्था भी की लेकिन जाति फिर भी इकट्ठी न हो सकी चौधरी साहब का हर वर्ग में सम्मान था। उन्होंने हर वर्ग को राजनीति में सम्मान दिया हर वर्ग को आगे बढाया। हर दल में चौधरी साहब का बड़ा सम्मान था अजित सिंह का जाना किसाना युग का एक अध्याय आज अधर में चला गय।