आजमगढ़। कोरोना संक्रमण के इस दौर में बेड, वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की किल्लत है। कोविड मरीजों को न्यूनतम स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया नहीं हो पा रही है। जिले में दो सरकारी व तीन प्राइवेट अस्पतालों के कुल 606 बेड व 122 वेंटिलेटर के भरोसे ही कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है। आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की तुलना की जाए तो 8251 लोगों पर एक बेड और 40984 लोगों पर एक वेंटिलेटर की उपलब्धता है।
जिले की आबादी 50 लाख के करीब है। जिले में सीएचसी, पीएचसी, अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, 100 शैय्या अस्पतालों व जिला अस्पताल की संख्या सवा सौ के आसपास है। जिला अस्पताल में तीन सौ, दो अस्पताल में 100-100 बेड और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 30-30 बेड की व्यवस्था है।
प्राइवेट अस्पतालों संख्या 600 सौ के आसपास है। क्लीनिक व पैथलॉजी की संख्या भी इतनी ही है। वर्तमान में कोरोना का संक्रमण चरम पर है। हजारों कोविड पीड़ित मरीज होम आइसोलेशन में हैं। कम ही हैं, जिन्हें भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है लेकिन उनको भी समय से बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। स्वास्थ्य विभाग अब तक आबादी के हिसाब से कोविड अस्पतालों की व्यवस्था नहीं कर सका है।
इसके चलते ही मारामारी की स्थिति मची हुई है। राजकीय मेडिकल कालेज पर 300 कोविड बेड व 111 वेंटिलेटर की व्यवस्था है। वहीं 100 शैय्या अस्पताल अतरौलिया पर 100 बेड व 4 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। वहीं तीन प्राइवेट अस्पतालों में शामिल लाइफ लाइन में 100 बेड व 5 वेंटिलेटर, रामा में सिर्फ 70 कोविड बेड, शून्य वेंटिलेटर, वेदांता में 36 बेड व दो वेंटिलेटर की व्यवस्था है।
यह जिले की आबादी के हिसाब से बहुत कम है। संदिग्ध कोविड के लिए ढाई सौ बेड व 16 वेंटिलेटर
आजमगढ़। वर्तमान में बहुत से ऐसे मरीज भी आ रहे है, जिनकी कोरोना रिपोर्ट तो निगेटिव आ रही है लेकिन फेफडे़ संक्रमित हैं। उनकी सांस भी फूल रही है। ऐसे मरीजों के लिए जिला अस्पताल के अलावा दो प्राइवेट अस्पतालों श्री साई व सहज अस्पताल को चिह्नित किया गया है। तीनों अस्पताल मिला कर कुल ढाई सौ बेड की व्यवस्था है। वहीं जिला अस्पताल में संदिग्ध कोविड (श्वांस रोगियों) के लिए 16 वेंटिलेटर की व्यवस्था है।