जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद। वार्ड 8 में बसपा प्रत्याशी तेजपाल सिंह की पत्नी प्रिया सिंह ने जीत हासिल कीथी , इसके बावजूद सोशल मीडिया पर पवन सहलौत ने अपनी जीत की पोस्ट डाली है। इस परघ मासान मच गया। बसपा नेताओं ने तुरंत मोर्चा संभाला और जिला मुख्यालय पहुंचकर ना सिर्फ अधिकारियों को घेरा बल्कि प्रिया सिंह की जीत का प्रमाण पत्र भी ले लिया।
इस सारे प्रकरण में बसपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र जाटव की खूब तारीफ हो रही है। उन्होंने ऐन वक्त पर मोर्चा संभालकर ना सिर्फ इस मामले में फैलने वाली गलतफहमी को दूर किया, बल्किप्रि या सिंह को जीत का प्रमाण-पत्र भी दिलवाया। प्रिया सिंह को 2 मई की देर रात ही विजेता घोषित कर दिया गया था, मगर उन्हें जीत का प्रमाण पत्र नहीं मिला था।
जब दिन में सोशल मीडिया पर यह पोस्ट जारी हुई और प्रिया सिंह को प्रमाण पत्र देने में आना-कानी होने लगी तो बसपा नेताओं के फोन आपस में एक-दूसरे के पास पहुंचने शुरू हो गए। इसी बीच यह पता चलाकि इस वार्ड में री.काउंटिंग हुई है ये वो वार्ड है जहां भाजपा ने उम्मीदवार घोषित नहीं किया और यहां से पवन सहलौत ने चुनाव लड़ा था।
बसपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र जाटव और सिंहराज तुरंत ही जिला मुख्यालय पहुंचे और फिर बसपा के अन्य पदाधिकारी भी वहां आ गए और सभी ने प्रिया सिंह को प्रमाण पत्र ना देने के मुद्दे पर निर्वाचन अधिकारियों को घेर लिया। जद्दोजहद के बाद प्रिया सिंह को जीत का प्रमाण पत्र मिला। जिलाध्यक्ष के रूप में वीरेंद्र जाटव की तारीफ हर कोई कर रहा है
क्योंकि उन्होंने पांच सीटों पर बसपा को जीत दिलाकर एक नई उम्मीद जगाई और हार का सूखा खत्म किया है। पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में आकर जिस तरह से उन्होंने कलक्ट्रेट में मोर्चा खोला, उससे यह संदेश भी दिया कि यह वो
बसपा नहीं हैजो शांत बैठ जाएगी। यह वह बसपा है जो अपने कार्यकर्ता के लिए हर दम लडाई लडने के लिए तैयार है।