कोरोना के केसों में आएगी कमी
जनसागर टुडे संवाददाता
किन्तु हिंसक प्रवृतियां देश में अराजकता फैलाती रहेंगी ।
शुक्र 4 तारीख को दोपहर 1:26 बजे वृषभ राशि में राशि परिवर्तन कर चुके हैं।
वृषभ राशि में 30 तारीख को बुध आए थे । राहु भी इसमें वृषभ राशि पर चल रहे हैं। इसलिए राहु, बुध और शुक्र की युति वृषभ राशि पर है।
वृषभ राशि शुक्र की अपनी राशि होती है और भारत की जन्म कुंडली में यदि विचार किया जाए तो इसमें लग्न में राहु ,बुध और शुक्र की युति का प्रभाव श्रेष्ठ रहेगा। शनि और गुरु के कारण चली आ रही इस कोरोना महामारी से राहत मिलने की संभावना है।
शुक्र प्रेम, सौंदर्य विलासिता का भी प्रतीक है। जो इस समय अपनी राशि वृषभ में आकर इस मास जनमानस में अपने परिवार के प्रति प्रेम का संचार होगा ।घर गृहस्थी की सुख सुविधाओं में ध्यान देंगे एवं परस्पर चली आ रही विद्वेष की भावना भी समाप्त होगी।
किंतु शुक्र दैत्यों के गुरु है और राहु के साथ युति कर रहें हैं।इस कारण
दैत्य प्रवृत्ति के लोग अर्थात हिंसक अराजकता फैलाने वाले लोग सक्रिय होकर देश में और विश्व में अराजकता का माहौल पैदा कर सकते हैं ।जिससे सरकार को कठिन निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ेगा।
राहु के साथ बुध शुक्र की युति इन प्रवृत्तियों को बल देता है।राहु राजनीति में सफलता का प्रतीक होता है इसलिए राहु सत्ता पक्ष के लिए काफी समस्याएं उत्पन्न करने के पश्चात राष्ट्र नेताओं में दृढ़ निर्णय की क्षमता को बलवान करेगा। इनकी कठोर नीतियों से कोरोना और अराजक तत्वों पर विराम लगने की संभावना बढ़ेगी।
बुध ,शुक्र के साथ राहु की युति होने से कोरोना का प्रभाव कम होगा।
मई के अंत तक कोरोना का प्रभाव बहुत कम हो जाएगा।
और मई के बाद धीरे-धीरे इसकी गति को ब्रेक लगेगा।
किंतु हमें राष्ट्र में फैल रही अराजक तत्वों पर विशेष ध्यान रखना पड़ेगा क्योंकि राहु के साथ शुक्र बैठ कर अच्छा योग नही बनाता है।