जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद। कृषि कानूनो को लेकर किसानो के समर्थन में आये विपक्षी दलो की कवायद आखिरकार मिनी विधानसभा क हे जाने वाले जिला पंचायत में रंग दिखाने में कामयाब हो गयी। ग्रामीण मतदाता की नाराजगी इसी से जाहिर की जा सकती है।
कि केवल लोनी क्षेत्र से ही भाजपा तीन सीटो को जीती। शेष चारों विधानसभा क्षेत्र में चुनाव में रालोद सपा,बसपा के प्रत्याशियो का बोलबाला रहा। भाजपा के लोकसभा सदस्य डॉ.सत्यपाल सिंह, राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल, विजयपाल तोमर, विधायक अजीतपाल त्यागी, डा मंजू शिवाच, साहिबाबाद से सुनील शर्मा, जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल, महानगर अध्यक्ष सुनील शर्मा व स्नातक एमएलसी दिनेश चंद गोयल, शिक्षक एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं व कार्यकतार्ओं के साथ ही पश्मिम के प्रभारी मोहित बेनीवाल ने चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए पूरा जी जान लगा दिया था। बाकायदा वार्डवाईज जिम्मेदारी दी गयी थी। एसे में अब देखना यह है कि पार्टी अध्यक्ष पद पर किस फार्मेूले से कामयाबी हासिल करती है। गठबंधन से ना लडकर रालोद व सपा ने अलग अलग सीटो पर चुनाव लडा तो आप,कांग्रेस ने वार्डो में उम्मीदवार उतारे। एसे में सपा,रालोद के खाते में तीन तीन सीटे आना तथा बसपा के खाते में पांच सीट आना संकेत दे रहा है
कि आगामी वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिये कडी मशक्कत वाला चुनाव होगा। फिलहाल दो वार्डो से दूबारा जीतने वाले बसपा उम्मीदवार अमरपाल भडजन, शोकेद्र की जीत भी इशारा कर रही है कि भाजपा के संगठनात्मक बूते पर चुनाव जीतने का दम किसान आंदोलन की हवा ने निकाल दिया।
भाकियू की ओर से गांववाईज जारी विरोध ने इस चुनाव में कई स्थानो पर भाजपा की बढ़त रोक दी। जिसे
लेकर पार्टी का मंथन होगा। वही विपक्षी के लिये आंदोलन बना संजीवनी आगे विधानसभा चुनाव में क्या रणनीति बनायेगा। यह भविष्य के गर्त में छिपा है।