जनसागर टुडे संवाददाता
इस जीवन में ना कुछ खोता है, ना ही कुछ व्यर्थ होता है। हर पल, हर घड़ी जो कुछ भी घटित हो रहा है, वह हर एक घटना एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई है, व एक दूसरे के प्रत्युत्तर में ही हो रही हैं। हर वो पल जो आने वाला है, एवं जो बीत रहा है या बीत चुका है, उनमें कुछ भी व्यर्थ नही है। वह सब एक दूसरे के पूरक हैं,
और उन सब मे एक सामंजस्य एवं तारतम्य बना हुआ है। सब का अपना ही महत्व है। हर जाने वाला पल, आने वाले पल की पूरी पटकथा स्वयं लिख कर ही जाता है। हम को तो केवल उन घटनाओं का मूक साक्षी बनकर उन पलों एवं घड़ियों को अपने दिल व दिमाग को स्थिर रखते हुए एक ऐसी कठपुतली की तरह भोगना है,
जिसकी डोरी तो किसी और के ही हाथ में है। वर्तमान में वैश्विक महामारी के संदर्भ में भी यही भावना रखकर खुद को सुरक्षित, सकारात्मक एवं स्वस्थ रखें। सुप्रभात जी आपका आज का दिन अत्यन्त शुभ सुखद, सकारात्मक एवं कल्याणकारी हो।सभी शब्दों का अर्थ मिल सकता है परंतु जीवन का अर्थ जीवन जीकरऔरसम्बंध का अर्थ सम्बंध निभाकर ही मिल सकता है.!
लेखराज माहौर समाज सेवी गाजियाबाद