जनसागर टुडे संवाददाता
वाराणसी : कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार के बीच निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड के खेल पर प्रशासन की भृकुटी तन गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने कुछ निजी अस्पतालों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर अस्पतालों की मान्यता पर भी संकट आ सकता है। दरअसल शहर-गांव के कुछ अस्पतालों को प्रशासन ने कोविड-19 संक्रमितों को भर्ती करने की अनुमति दी है।
इसके लिए बेड संख्या तय की की गयी है। इसके अनुसार ही प्रशासन आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि भी उपलब्ध करा रहा है। आक्सीजन का कोटा भी इसके अनुसार ही तय है।
प्रशासन को मिली सूचना के अनुसार कुछ अस्पताल संचालक तय कोटे से अधिक बेड पर मरीज भर्ती कर रहे हैं। इससे ऑक्सीजन की खपत तय कोटे से अधिक बढ़ जा रही है। ऑक्सीजन खत्म होने पर सबसे पहले गरीब व असहाय मरीजों को ही अस्पताल से रेफर किया जा रहा है। इस तरह की दो दिनों से मिल रही शिकायत को देखते हुए जिलाधिकारी ने पहले ही कह दिया था कि ऑक्सीजन कोटा और सप्लाई की स्थिति देखते हुए ही नए मरीज भर्ती किए जाएं।
सभी अस्पतालों की स्थिति पर नजर रखने के लिए नोडल अफसर पहले ही तैनात किये जा चुके हैं उनके नंबर भी आम किए गये हैं| ताकि लोग अपनी शिकायत उनके जरिए प्रशासन तक पहुंचा सकें। कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर व काशी कोविड रिस्पांस सेंटर में भी इस तरह की शिकायतें दस से अधिक नंबरों पर सुनी जा रही हैं।