कृषि कानून के खिलाफ पर्दशन कर रहे भारतीय किसानो के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने इस आंदोलन में बुधवार 16 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी। संत बाब सिंह का आज अंतिमसंस्का होगा बाबा का पोस्टमॉर्टम तो पहले ही हो चुका था। आज सुबह 11:00 बजे उन का पार्थिक शरीर करनाल को रखा जायेगा। ताकि उन के अंतिम दर्शन के लिए जो लोग जमा हुऐ है वो उन के दर्शन कर पाए और 17 गुरुवार की सुबह अकाली दाल के नेता सुखबीर बादल, और सिंधु बॉडर्र पर किसानो का समर्थन करने वाले और सरकार के साथ बात चीत में शामिल होने वाले गुरुनाम सिंह भी करनाल में संत राम सिंह के गुरूद्वारे पहुचे। गुरुनाम सिंह ने बतया की उनकी बाबा से बातचीत धरनास्थल पर हुई थी उनका कहना है की बाबा किसानो को ऐसे बैठा देख बहोत दुखी थे और उनका कहना था की ये सरकार कसाई है इस कृषि आंदोलन में बाबा जी ने बुधवार को कुर्बानी दे दी। सिंगड़ा के गुरुद्वारे में सेवादार रहे महल सिंह, संत बाबा की मृत्यु की सुचना पर मुंबई से गुरुद्वारा पहुंचे उन्होंने बतया की बाबा जब मात्र 21 दिन के थे तभी बाबा के माता पिता ने उन्हें गुरुद्वारे में दान दे दिया था। और इस के साथ ही बाबा ने अपना पूरा जीवन सत्संग के जरिये लोगो की सेवा की. महल सिंह के अनुसार बाबा के अनुयायी कनाड , आस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशो में बाबा सत्संग करने जाते थे बाबा ने इस आंदोलन में 5 लाख रुपये और कंबल की मदद दी थी महल सिंह से बाबा की लाइसेंस वाली बंदूक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मन करते हुए कहा की कर इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है मोत की साजिश सवाल पर उन्होंने कहा की ये साजिश जैसा कुछ नहीं है बाबा ने कुर्बानी दी है