दिल्ली की हवाएं लगातार जहरीली होती जा रही हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार कई इलाकों में एक्यूआई गंभीर हालत में पहुंच गया है। आज सवेरे बवाना, मुंडका और जगांगीर पुरी का एक्यूआई क्रमशः 422, 423 और 414 रहा।
दिल्ली-एनसीआर शनिवार को भी स्मॉग की चादर में लिपटा रहा। हवा में प्रदूषक कणों से लोगों को आंखों में जलन, सिर दर्द और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि शुक्रवार के मुकाबले वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में कुछ सुधार हुआ, फिर भी हवा बेहद खराब श्रेणी से बाहर नहीं निकल पाई।
हरियाणा का धारूहेड़ा 380 एक्यूआई के साथ देश में सबसे प्रदूषित रहा, वहीं फरीदाबाद (367) एनसीआर के प्रदूषित शहरों में पहले और देश में दूसरे स्थान पर रहा। राजधानी दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार के मुकाबले 21 अंकों की गिरावट के साथ 345 दर्ज किया गया, लेकिन अलीपुर में 432, मुंडका में 427 और वजीरपुर में 409 तक पहुंच गया। इस लिहाज से इन तीनों इलाकों में हवा लगातर दूसरे दिन गंभीर श्रेणी में रही। सफर का पूर्वानुमान है कि सोमवार को प्रदूषण से कुछ राहत मिल सकती है।
सफर के मुताबिक सतह पर चलने वाली हवाओं के शांत पड़ने से प्रदूषक वातावरण में टिक गए हैं। इससे लोगों को स्मॉग से राहत नहीं मिल पा रही है। हवा की खराबी की अहम वजह सतह पर चलने वाली हवाओं का शांत हो जाना है। इससे दिल्ली के आसमान में फैले प्रदूषक दूर-दूर तक नहीं जा पा रहे हैं। हवाओं की चाल में 26 अक्तूबर से तेजी आएगी। इस बीच गुणवत्ता सुधरने की उम्मीद है।
पराली के धुएं का हिस्सा हुआ कम
पंजाब, हरियाणा व पड़ोसी इलाकों में शनिवार को पराली जलाने के 1292 केस दर्ज किए गए थे। दिल्ली पहुंचने वाली हवाओं की दिशा पछुआ होने के बावजूद इनकी चाल कम रही। इससे प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा सिर्फ 9 फीसदी हिस्सा ही रहा। जबकि शुक्रवार को 15 फीसदी से ऊपर था।
देश के 5 सबसे प्रदूषित शहर
शहर एक्यूआई
धारूहेड़ा 380
फरीदाबाद 367
ग्रेटर नोएडा 358
गाजियाबाद 356
नोएडा 347