Thursday, November 21, 2024
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ऑपरेशन जीजा’ इमरान सरकार को पड़ा भारी, विपक्षी दल एकजुट होकर विरोध में उतरे

पाकिस्तान की सियासत में इन दिनों ऑपरेशन जीजा जी भूचाल मचा रहा है. दरअसल, पाकिस्तान के 11 राजनीतिक दल प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनल बाजवा के खिलाफ हो गए हैं. ये सभी दल लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोधियों की आवाज़ को दबाने के लिए इमरान खान ने फौज की मदद से नवाज शरीफ के दामाद को गिरफ्तार किया. मगर इस काम के लिए पहले कराची के आईजी को अगवा किया गया. पाकिस्तानी सरकार की इस हरकत से वहां की फौज और पुलिस आमने सामने आ गई. पुलिस पाकिस्तानी सेना से बेहद नाराज है. कुल मिलाकर वहां हालात गृह युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं. अगर हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो पाकिस्तान में कुछ भी हो सकता है.

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तीन पी और पाकिस्तान आपस में उलझे हुए हैं. इन तीनों पी ने मिलकर पाकिस्तान में अशांति फैला रखी है. पहला पी है पॉलिटिक्स. दूसरा पी है पाकिस्तान आर्मी और तीसरा पी पुलिस है. पाकिस्तान में ये पीपीपी मॉडल कोहराम मचाए हुए है. मगर इस पीपीपी को समझने के लिए शुरुआत शुरू से करनी पड़ेगी. और इस कोहराम की शुरुआत होती है. सोमवार तड़के कराची के होटल से. जहां सुबह सुबह पुलिस ने दबिश देकर सफदर अवान नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया और अपने साथ ले गई. इसके बाद ये खुलासा हुआ कि कराची पुलिस ने जिस सफदर अवान को गिरफ्तार किया है, वो ना सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के दामाद हैं और मरियम शरीफ के शौहर हैं. बल्कि पाकिस्तान आर्मी के पूर्व कैप्टन भी हैं.

अचानक कैप्टन सफदर की गिरफ्तारी ने पाकिस्तानी सियासत में भूचाल ला दिया. जानकारों की मानें तो सफदर की ये गिरफ्तारी इसलिए की गई क्योंकि पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ सियासी समीकरण बदल रहा है. इमरान खान के साथ साथ सेना और सरकार के खिलाफ बन रहे इस समीकरण से उनकी चिंता बढ़ गई है. दरअसल, एक दो नहीं बल्कि पाकिस्तान की 11 सियासी पार्टियों ने मिलकर इमरान सरकार के खिलाफ गठबंधन कर लिया है. इसमें नवाज़ शरीफ की पार्टी के साथ बेनज़ीर भुट्टो की पार्टी भी शामिल है. जिससे ना सिर्फ इमरान घबराए हुए हैं. बल्कि पाक आर्मी को भी पाकिस्तान का समीकरण बदलने का डर सता रहा है.

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इमरान खान की हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए 11 विपक्षी दलों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम छेड़ रखा रहा है. जिसमें विपक्षी पार्टियां चुनावी धांधली कर इमरान को सत्ता में लाने के लिए आर्मी चीफ बाजवा को कोस रही हैं.16 अक्टूबर को गुजरांवाला में और दो दिन बाद कराची में विपक्षी गठबंधन की जबरदस्त रैली हुई जिसमें नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज़ ने इमरान के खिलाफ जमकर हमला भी बोला था.

सफदर की बेगम और पीएमएल एन की नेता मरियम शरीफ ने रैली में जिस तरह इमरान खान पर हमला किया. उसे बर्दाश्त करना इमरान के लिए मुश्किल साबित हुआ और इसलिए सबके सिखाने में उन्होंने जरा भी देर नहीं की और मुस्लिम लीग नवाज की नेता मरियम शरीफ के पति और नवाज शरीफ के दामाद सफदर को गिरफ्तार करवा लिया गया. लेकिन इस गिरफ्तारी से पहले वो हुआ जो पाकिस्तान के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. सफदर की गिरफ्तारी को लेकर कराची पुलिस और पाकिस्तानी सेना आमने सामने आ गई.

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पाकिस्तानी सेना ने दादागीरी दिखाते हुए गिरफ्तारी से इनकार कर रहे सिंध के आईजीपी मुश्ताक महार को किडनैप कराकर जबरदस्ती सफदर को गिरफ्तार करा दिया. आरोप लग रहे हैं कि पाक सेना ने जबरन सिंध के आईजीपी से सफदर के खिलाफ एफआईआर पर सिग्नेचर कराए. गिरफ्तारी के लिए दलील दी गई कि उन्होने जिन्ना की मजार के लिए बने नियमों को तोड़ा है. लेकिन सिंध पुलिस को इस बावत सबूत ना होने की वजह से कैप्टन सफदर को छोड़ना भी पड़ा. सवाल उठे कि आनन फानन में कैप्टन सफदर के खिलाफ ये एक्शन क्यों लिया गया और इस एक्शन का मास्टरमाइंड कौन था.

पाक सेना की इस ज्यादती के बाद सिंध पुलिस और पाक आर्मी के बीच टकराव के हालात बन गए. जिसके बाद खबर आई कि सिंध पुलिस के आईजीपी मुश्ताक महार छुट्टी पर चले गए. आईजीपी मुश्ताक के पीछे सिंध के 70 से ज्यादा पुलिस अफसरों ने भी छुट्टी पर जाने का एलान कर दिया है. सिंध पुलिस के आला अफसरों के छुट्टी पर जाने की खबर आग की तरह फैल गई. इस मसले पर नवाज ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि पाकिस्तान में कैसे जनमत का मजाक उड़ाया जा रहा है और पाकिस्तान की इमेज को दागदार किया जा रहा है. इसी बीच बाकी विपक्षी दल भी एक्शन में आ गए.

विदेश में बैठे नवाज शरीफ इमरान खान और आर्मी चीफ बाजवा पर हमला बोल रहे हैं. वहीं इमरान अपनी पार्टी के मंच से नवाज को कोस रहे हैं और बाजवा को बचा रहे हैं. और उधर, इमरान खान और बाजवा के खिलाफ देश की करीब करीब सारी विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आ गई हैं. जिसे देखकर इमरान और बाजवा की नींद उड़ी हुई है. हाल ये है कि आर्मी चीफ बाजवा इस वक्त इमरान को बचाने में जुटे हैं और बाजवा की कुर्सी सलामत रहे, इसकी चिंता में इमरान जी जान से जुटे हुए हैं.|

 

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