प्रेगनेंसी का समय जितना खूबसूरत होता है उतना ही मुश्किल भी होता है। शरीर में हो रहे बदलावों, शरीर की पोषण की जरूरतों को पूरा करने और हर चुनौती और बदलाव को शांत होकर हैंडल करना कोई आसान बात नहीं है।
डॉक्टर या एक्सपीरियंस मदर्स आपको प्रेगनेंसी में बॉडी और डायट में होने वाले बदलावों के बारे में बता देंगीं, लेकिन फिर भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो सिर्फ आप महसूस कर पाएंगीं और वो आपको कोई बता नहीं सकता है। जी हां, यहां हम आपको प्रेगनेंसी के कुछ अनकहे साइड इफेक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या आप एक जिम्मेदार निवेशक हैं?
एंग्जायटी होना
डॉक्टर से मिलने से पहले या चेकअप के दौरान अल्ट्रासाउंड करवाने से पहले पेट में गुदगुदी महसूस होगी। पूरे नौ महीने तक महिलाओं को यही डर लगा रहता है कि कहीं कुछ गलत न हो जाए। प्रेगनेंट महिला अपनी डायट, रूटीन, हर चीज को लेकर बेचैन रहती है और इस वजह से उनमें एंग्जायटी हो जाती है। डॉक्टर से मिलने से पहले भी मन बेचैन रहता है।
स्पेशन फील करवाना
प्रेगनेंसी में हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है और ऐसे में मूड स्विंग्स को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है। हर प्रेगनेंट महिला यह उम्मीद करने लगती है कि उसका पार्टनर हर समय उसे स्पेशल फील करवाए। वो चाहती हैं कि इस समय उनका पूरा परिवार उनका ध्यान रखे और आने वाले बच्चे की खैरियत के लिए उनकी देखभाल करे। उन्हें हेल्दी खाना खिलाए और सबका ध्यान उन पर रहे।
गूगल बन जाता है साथी
प्रेगनेंट महिला नौ महीने तक ही नहीं बल्कि इसके बाद भी गूगल को अपना बेस्ट फ्रेंड बना लेती है। वह अपनी हर छोटी परेशानी के लिए गूगल की मदद लेने लगती है। हालांकि, गूगल के पास आपकी हर परेशानी का समाधान नहीं होगा। लेकिन हां, आप इंटरनेट पर ये जरूर जान सकती हैं कि इन नौ महीनों में आपको अपनी देखभाल कैसे करनी है और दूसरी मांओं के प्रेगनेंसी एक्सपीरियंस के बारे में पढ़ सकती हैं।
बेबी बंप दिखाना
प्रेगनेंट होने के बाद महिलाएं बड़ी बेसब्री से अपना बेबी बंप दिखने का इंतजार करती हैं। वो इंतजार करने लगती हैं कि कब उनका पेट निकलना शुरू हो और वो अपने मैटरनिटी कपड़े पहनना शुरू करें और लोग उनका बेबी बंप नोटिस करना शुरू करें।
वेट पर कमेंट
अधिकतर महिलाएं कंसीव करने के बाद शुरुआती महीनों में अपने प्रेगनेंट होने की खबर सबको नहीं देती हैं। वो बस अपने करीबियों को ही ये खबर देती हैं। इतना ही नहीं, महिलाओं को ये भी पसंद नहीं होता कि कोई उनके प्रेगनेंसी में बढ़े हुए वजन पर कमेंट करे। इस चक्कर में वो ज्यादातर लोगों को अपनी प्रेगनेंसी के बारे में बताती ही नहीं हैं।
अगर आप भी प्रेगनेंट हैं तो यहां बताई गई फीलिंग्स को अच्छी तरह से महसूस कर पा रही होंगीं। हर प्रेगनेंट महिला को इस तरह के विचारों और मूड स्विंग्स से गुजरना पड़ता है जिसमें कोई बुराई नहीं है। यह बदलाव बस कुछ समय के लिए होते हैं और उसके बाद आप अपनी बॉडी और माइंड को अपने हिसाब से तैयार कर सकती हैं।