कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूजा पंडालों को नो एंट्री जोन बताने वाले आदेश में आंशिक ढील दी है. नए आदेश के मुताबिक अब 45 लोग एक बार में पंडाल में प्रवेश कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि बड़े पूजा पंडालों में अधिकतम 60 लोग जा सकते हैं, और पंडाल में प्रवेश की करने वालों के नामों की लिस्ट हर दिन सुबह आठ बजे तक पंडाल के गेट पर लगानी होगी. अदालत ने ढाक या पारंपरिक ड्रम वादकों को भी नो एंट्री जोन में जाने की इजाजत दे दी है. वे अब पंडाल के गेट के बाहर ढोल बजा सकते हैं.
छोटे पंडालों में एक बार में अधिकतम 10 लोगों को ही जाने की अनुमति होगी. कोर्ट ने 300 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में बने पंडालों को बड़े पंडालों के रूप में परिभाषित किया है.
इस समय जितना सावधान रहा जाए उतना ही सही है, ज्यादा भीड़ एकत्रिक करने से महामारी का प्रकोप बाद सकता है.