नोएडा:
गौतमबुद्ध नगर में ग्राम पंचायतें खत्म होने के बाद जिले में अभी तक ग्राम पंचायत बहाली या नगर निगम जैसी कोई संस्था ना होने के कारण आज सभी ग्राम वासी कार्यों के लिए परेशान हैं। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ग्राम वासियों को दोयम दर्जे का नागरिक समझते हैं तथा उनकी समस्याओं को लेकर उनसे मिलने से परहेज करते हैं।ऐसा ही एक मामला गांवों के बरात घरों के संचालन को लेकर ग्रामीणों एवं नोएडा प्राधिकरण के बीच चल रहा है जिसको लेकर पिछले दिनों ग्राम प्रधान संगठन एवं ग्राम विकास समितियों ने 12 अक्टूबर को नोएडा प्राधिकरण के मुख्य गेट पर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनैतिक एवं असंवैधानिक तरीके से गांवों के बरात घरों का संचालन करना चाहता है के विरुद्ध एक दिवसीय संकेतिक भूख हड़ताल की थी जिसमें नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी द्वारा अपनी तरफ से उप महाप्रबंधक आशीष भाटी जी को धरना स्थल पर भेजा था तथा मंगलवार को बरात घरों का संचालन संबंधित विषय पर चर्चा कर बरात घरों को ग्राम वासियों को वापस करने का आश्वासन देकर भूख हड़ताल को खत्म करवाया था लेकिन नोएडा प्राधिकरण जैसा कि पूर्व में भी कहा गया है ग्रामीणों के साथ दोयम दर्जेकी नीति अपनाता है वार्ता को आगे टाल रही है अतः प्राधिकरण स्तर से गांव के बरात घरों की बुकिंग तुरंत बंद होने चाहिए क्योंकि कुछ भाजपा नेता गांव के बरात घरों में बाहरी लोगों की नोएडा प्राधिकरण से बुकिंग करवा रहे हैं जिसकी वजह से गांव के मूल निवासियों द्वारा पिछले 6 माह में कराई गई बुकिंग की सेम डेट होने से को लेकर आपसी रंजिश बढ़ रही है जिसके लिए नोएडा प्राधिकरण एवं भाजपा नेता जिम्मेवार है वरना भविष्य में किसी प्रकार की कोई भी दुर्घटना होती है तो उसके लिए नोएडा प्राधिकरण जिम्मेवार होगा।