कलयुग में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है. वास्तु के कुछ नियम भी सूर्य की किरणों पर आधारित हैं. अगर कोई स्थान ऊर्जाहीन है तो उसे सूर्य की किरणों से ऊर्जावान बनाया जा सकता है. इन सूर्य की किरणों को नियंत्रित मात्रा में क्रिस्टल आप तक पहुंचाते हैं. वास्तु में क्रिस्टल का बहुत महत्व है. दिखने में चमकदार और बेहद आकर्षित लगने वाले क्रिस्टल से वास्तविक जीवन में कई सुधार किए जा सकते हैं.
अगर आप क्रिस्टल को अपने मन के अनुसार रखना चाहेंगे तो शायद आपको जिस लाभ की तलाश है वह आपको नहीं मिल सकेगा. अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए क्रिस्टल को अलग-अलग स्थान पर रखना जरूरी है. आइए जानते हैं क्रिस्टल के वास्तु कनेक्शन के बारे में…
किसी भी क्रिस्टल बॉल को लगाने से पहले इसे सूर्य की किरणों से एक्टिव (एनरजाइज) जरूर कर लें.
अगर आपके घर में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं तो आप अपने घर के लिविंग रूम में क्रिस्टल बॉल्स को इस तरह से लगाएं कि सूर्य की किरणे इससे छन कर आप के घर के अंदर आएं. अगर वहां सूर्य की रोशनी ना आए तो कुछ देर उसे सूर्य की रोशनी में एक्टिव करें फिर उस जगह पर रख दें.
व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है तो एक रंग बिरंगी क्रिस्टल बॉल ऑफिस या फैक्ट्री की उत्तर पश्चिम दिशा में रख दें.
अगर आपके साथी से आपकी अनबन चल रही है तो बेडरूम में रोज़ क्वॉर्ट्स का क्रिस्टल बॉल रखें, लेकिन ध्यान रहे कि इस क्रिस्टल बॉल को दिन में तीन बार क्लॉक वाइज घुमाएं.
जो पैरेंट्स अपने बच्चों का फोकस पढ़ाई की तरफ करना चाहते हैं उन्हें उनके स्टडी रूम में क्रिस्टल बॉल लटकानी चाहिए. ये क्रिस्टल बॉल घर की नॉर्थईस्ट दिशा में लटकानी चाहिए.
क्रिस्टल को घर की पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और घर में खुशियां आती हैं.
क्रिस्टल ग्लोब को प्रयोग में लाने से पहले 24 घंटे के लिए नमक के घोल में रख देना चाहिए, फिर साफ पानी से धोकर कांच के बर्तन में रखकर सुबह की धूप में दो-तीन घंटे सुखाना चाहिए. ऐसा करने से क्रिस्टल ग्लोब और प्रभावशाली हो जाता है. इस ग्लोब को दिन में तीन बार घुमाना चाहिए जिससे इसमें से निकलने वाली यांग ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाए.