स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत बनाए गए सामुदायिक शौचालयों पर केयर टेकर की तैनाती होगी। रख-रखाव और साफ-सफाई का जिम्मा दिया जाएगा। इसके एवज में उसे छह हजार रुपये प्रति माह वेतन और तीन हजार रुपये शौचालय में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों की खरीदारी और रख-रखाव के लिए दिए जाएंगे। प्राथमिक के तौर पर शौचालय के रख-रखाव का काम स्वयं सहायता समूहों के हवाले करने की तैयारी है।
गांवों को ओडीएफ करने के लिए घर-घर जो शौचालय बनाए गए हैं, उसमें ज्यादातर रख-रखाव के अभाव में निष्प्रयोज्य हो गए। अब सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया जा रहा है। इसे 15 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। शौचालय सार्वजनिक होने के कारण इस बात का डर था कि उसकी साफ-सफाई और रख-रखाव सही तरीके से नहीं हो पाएगी, लेकिन अब शासन ने इसकी जिम्मेदारी तय कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, प्रत्येक शौचालयों पर एक केयर टेकर की तैनाती की जाएगी। प्राथमिक के तौर पर इसका जिम्मा स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा। अगर उस गांव में स्वयं सहायता समूह उपलब्ध नहीं होगा, तो सीधे तौर पर केयर टेकर या सफाई कर्मी की तैनाती की जाएगी। इसके लिए ग्राम पंचायतों में बैठक की जाएगी और नियमानुसार कोरम पूरा किया जाना अनिवार्य होगा। लिखित तौर पर ग्राम पंचायत द्वारा जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह को हैंडओवर करना होगा। स्वयं सहायता समूह सफाई कर्मी को तैनात करने की व्यवस्था करेगा। यदि महिला सामुदायिक शौचालय है, तो वहां पर सफाई कर्मी या केयर टेकर हर हाल में महिला ही होगी।
यह होगी जिम्मेदारी
सामुदायिक शौचालयों पर तैनात होने वाले केयर टेकर या सफाई कर्मी को प्रत्येक दिन कम से कम दो बार शौचालय की सफाई करनी होगी। सफाई सामग्री और उपकरण की व्यवस्था, सामुदायिक शौचालयों में चोरी रोकने और परिसर में व्यवस्थित बनाए रखने की जिम्मेदारी उठानी होगी। साथ ही शिकायत रजिस्टर को भी मेनटेन करना होगा। सभी शौचालयों पर चयनित व्यक्ति या स्वयं सहायता समूह के मुखिया का नाम और मोबाइल नंबर पेंट से लिखा जाएगा।
खाते में जाएगा साफ-सफाई का पैसा
शौचालय पर तैनात होने वाले केयर टेकर या सफाई कर्मी को ग्राम पंचायत के 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत स्वच्छता एवं सैनिटेशन मद से छह हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जायेगा। इसके अलावा बिजली, प्लंबरिंग, नल व टोटी मरम्मत कार्य के लिए 500 प्रतिमाह, साफ-सफाई के लिए झाडू, ब्रश, वाइपर, स्पंज कपड़े, पोछा, बाल्टी, मग के लिए 1200 रुपये छह माह में एक बार, निष्क्रामन सामग्री जैसे साबुन, वॉशिंग पाउडर, एयर फ्रेशनर, ग्लब्स, हार्पिक, दस्ताने आदि के लिए 1000 रुपया प्रतिमाह, यूटीलिटी चार्जेज जैसे पानी, बिजली, सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट के लिए 1000 रुपया प्रतिमाह और अन्य कार्य के लिए 300 रुपया प्रतिमाह दिया जाएगा। यह भुगतान दो किस्तों में पहले प्रारंभिक माह में और दूसरा 6 माह बाद स्वयं सहायता समूह के खाते में दी जाएगी।