कंगना पर धार्मिक भावनाएं भड़काने, कलाकारों को हिन्दू-मुसलमान में बांटने और सामाजिक द्वेष को बढ़ावा देने का आरोप लगा है. याचिकाकर्ता मुन्ना वराली ने कंगना के पिछले कुछ वक्त में किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग की है|
बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बॉलीवुड (Bollywood) अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ FIR करने के लिए आदेश दिए हैं. कंगना पर धार्मिक भावनाएं भड़काने, कलाकारों को हिन्दू-मुसलमान में बांटने और सामाजिक द्वेष को बढ़ावा देने का आरोप लगा है. याचिकाकर्ता मुन्ना वराली ने कंगना के पिछले कुछ वक्त में किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग की है..
याचिकाकर्ता ने कंगना के ट्वीट और न्यूज़ पर दिए बयानों में हिन्दू कलाकार और मुस्लिम कलाकार में बाटने, सामाजिक द्वेष बढ़ाने का आरोप लगाते हुए याचिका की थी. इस मामले में कंगना की बहन रंगोली को भी आरोपी बनाया गया है. कंगना के मुंबई के हालात की तुलना पीओके से करने की टिप्पणी का भी शिकायतकर्ता ने उल्लेख किया है.|
कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर उसने फिल्म इंडस्ट्री के तमाम हिन्दू और मुस्लिम फिल्म निर्देशकों के साथ काम किया, लेकिन कभी कोई भेदभाव महसूस नहीं किया. लेकिन सोशल मीडिया (Twitter, Instagram) के जरिये कंगना लगातार बॉलीवुड इंडस्ट्री के कलाकारों को हिन्दू और मुस्लिमों के आधार पर बांटने का प्रयास कर रही हैं. वे बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री को ड्रग्स का लती, हत्यारा और भाई-भतीजावाद में लिप्त भी बता चुकी हैं. ये ट्वीट बॉलीवुड के भीतर और आम जनता में वैमनस्य पैदा कर रहे हैं.
शिकायतकर्ता के मुताबिक, कंगना ने पालघर में हिन्दू साधुओं की हत्या और बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को बाबर सेना कहकर भी उन्होंने भावनाएं भड़काने का काम किया. जमातियों पर देश में कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाकर भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. मुन्नावराली ने कंगना के उस ट्वीट का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, “उन लोगों ने मराठा गौरव पर एक भी फिल्म नहीं बनाई. इस्लाम के नियंत्रण वाली इस इंडस्ट्री में मैंने अपनी जिंदगी और करियर खतरे में डाला है. मैंने शिवाजी और लक्ष्मीबाई पर फिल्म बनाई है.” उनके मुताबिक, ऐसे बयान हिन्दू और मुस्लिम कलाकारों के बीच घृणा को बढ़ाने का काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कंगना के बयान का भी याचिकाकर्ता ने उल्लेख किया है.