गोरखपुर दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय को अब पूर्वांचल स्पोर्ट्स हब बनाया जाएगा। इस स्पोर्ट्स हब के अंदर हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान,स्वीमिंग पूल, सिंथेटिक एथलीट ट्रैक और अन्य खेलों के लिए बहुत से भवनो का निर्माण भी होगा। प्रशासन ने इसकी तैयारी लगभग शुरू कर दी है। कुलपति प्रो. राजेश सिंह के निर्देशानुसार इन कार्यों के लिए 32.7 करोड़ का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों से बहुत से एसे खिलाड़ि हैं जिन्होंनो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक पहचान बनाई है। इस विश्वविद्यालय से 339 महाविद्यालय संबद्ध हैं और करीब 2.5 लाख विद्यार्थी यहां अध्ययन भी करते हैं। लेकिन संसाधनों में कमी की वजह से खिलाड़ी दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। खेलों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से यह सकारात्मक पहल की गई है।
क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि पूर्वांचल स्पोर्ट्स हब को समृद्ध बनाने के लिए 32.7 करोड़ की चार योजनाएं तैयार की गई हैं। कुलपति प्रो. राजेश सिंह के निर्देश पर यह कार्य किया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक यह हब 22 एकड़ जमीन में तैयार होगा। जिसका सीधा लाभ खिलाड़ियों को मिलेगा। यहां से खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे।
सिंथेटिक एथलीट ट्रैक
पूर्वांचल स्पोर्ट्स हब स्टेडियम परिसर में आठ लेन का 400 मीटर लंबा सिंथेटिक एथलीट ट्रैक बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसकी लागत 9.12 करोड़ रुपये तक आ सकती है।
अब रात में भी होगा हॉकी का मैच
हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ का मैदान बनाया जाएगा। जिसमें चारों तरफ रोशनी की व्यवस्था की जाएगी। ताकि खिलाड़ि रात में भी हॉकी का मैच खेल सकें। इस मैदान का निर्माण क्रीड़ा संकुल भवन के पास किया जाएगा। जिसके लिए 8.46 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
स्वीमिंग पूल
5.50 करोड़ रुपये के प्रस्ताव वाला स्वीमिंग पूल, दीक्षा भवन के सामने खेल मैदान में तैयार किया जाएगा। 50 गुणा 25 मीटर के क्षेत्रफल में स्वीमिंग पूल तैयार होगा। स्वीमिंग पूल में कई लेन बनाए जाएंगे ताकि खिलाड़ी अपनी तैराकी आराम से कर सकें।यहां तक की, बाहरी लोगों को भी कुछ शुल्क लेकर तैराकी सिखाई जाएगी।
बहुउद्देशीय भवन
9.61 करोड़ की लागत से बहुउद्देशीय भवन का निर्माण स्वीमिंग पुल के पास ही किया जाएगा। जिसमें अलग-अलग कोर्ट और ग्राउंड बनेंगे जहां बैडमिंटन, जूडो, वॉलीबॉल, कुश्ती, हैंडबॉल, कबड्डी आदि खेल खेले जा सकेंगे।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि क्षेत्र के खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। ताकि अच्छे खिलाड़ी यहां से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएं। युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के तहत 32.7 करोड़ के चार प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिए गए हैं। उम्मीद है कि राज्य सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार से बजट जारी हो जाएगा।