जनसागर टुडे
गाजियाबाद । क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्रा का अचानक सोनभद्र पीएससी में हुए तबादले की बात चर्चाओं में बनी हुई है ! सूत्रों की माने तो कुछ लोगों का कहना है कि क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम व साइबर क्राइम अभय कुमार मिश्रा को साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा की नाराजगी महंगी पड़ गई। भाजपा विधायक की नाराजगी के कारण सत्ता में मजबूत रसूख रखने वाले क्षेत्राधिकारी अभय मिश्रा का दो दिन पहले रातो रात सोनभद्र पीएसी में तबादला में तबादला हो गया !
हालांकि सीओ अभय कुमार मिश्रा उच्चाधिकारियों के ब्लू आई बॉय माने जाते थे। उनके पास इंदिरापुरम जैसे महत्वपूर्ण सर्किल के साथ साइबर क्राइम सीओ की जिम्मेदारी थी। साइबर क्राइम सीओ के रूप में अभय कुमार मिश्रा ने पिछले कुछ महीनों में कई बड़े साइबर अपराध के मामलों का खुलासा किया था। लेकिन इंदिरापुरम इलाके में लगातार चोरी व झपटमारी के मामलों पर वे अंकुश नहीं लगा पाए। यही कारण रहा कि इंदिरापुरम, वैशाली और वसंधुरा के लोग लगातार इलाके के बीजेपी विधायक सुनील शर्मा से सीओ इंदिरापुरम की शिकायत कर रहे थे।
हैबीटेट सेंटर के निवेशकों से धोखाधडी की जांच में सीओ की संदिग्ध भूमिका
अपराध होना और उस पर नियंत्रण करना पुलिसिंग के दो अलग-अलग पहलू हैं। साहिबाबाद विधायक की सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्रा से नाराजगी की असल वजह इंदिरापुरम के हैबीटेट सेंटर में निवेशकों से धोखाधडी के मामलें में सीओ मिश्रा की संदिग्ध भूमिका का होना माना जाना है। दरअसल हैबीटेट सेंटर में निवेश करने के नाम पर हैबिटेट सेंटर के निदेशक प्रमोद गोयल, किशनचंद जैन और अनिल गुप्ता व उनके कर्मचारियों ने हजारों लोगों से कई सौ करोड की धोखाधड़ी की है।
क्या है मामला हैबीटेट सेंटर का
हैबीटेट सेंटर के निदेशकों ने हजारों लोगों से लाखों रूपए का निवेश तो करा लिया लेकिन सालों से उन्हें प्रोपर्टी का कब्जा नहीं दिया। इतना ही नहीं उन्होंने एक ही दुकान को कई-कई लोगों को बेच दिया और किसी निवेशक की रकम भी नहीं लौटाई। इंदिरापुरम समेत गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली व हरियाणा के अलग-अलग शहरों में हैबीटेट के निदेशकों के खिलाफ कई मामलें दर्ज हो चुके है। कुछ में उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
हैबीटेट सेंटर के सैंकडो पीडित ऐसे है जिनकी पुहंच न होंने के कारण उनके मामले पुलिस में दर्ज नहीं हो सके। ऐसे निवेशकों ने हैबीटेट सेंटर एक पीडित एसोसिएशन का गठन किया। कुछ माह पहले विधायक सुनील शर्मा से मिलकर पीडित निवेशकों ने मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद विधायक के दबाव में उच्चाधिकारियों ने पीडितों की शिकायत ले ली और सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्रा को जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने के ओदश दिए।
बताया जा रहा है कि इन निवेशकों में अधिकांश साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इसलिए अपना जनप्रतिनिधि होंने के नाते वे लोग साहिबाबाद विधायक पर लगातार न्याय दिलाने के लिए दबाव बना रहे थे।
सूत्रों का कहना है कि सीओ ने लंबे समय तक जांच को लटकाए रक्खा। और कुछ दिन पहले इस मामलें में ऐसी जांच रिपोर्ट लगाकर मामले को उच्चाधिकारियों के सामने पेश कर दिया जिसके हिसाब से उनका मामला मुकदमा दर्ज होंने लायक ही नहीं माना गया। मदद के बजाय फरियादियों ने जब पूरी तरह निवेश की गई अपनी रकम डूबती देखी तो उन्होंने साहिबाबाद विधायक के सामने अपना विरोध दर्ज कराया। आमतौर पर साफ सुधरी छवि के विधायक सुनील शर्मा जिनके नाम सबसे बडी जीत हासिल करने का रिकार्ड भी है उन्हें ये बात नागवार गुजारी । उन्होंने इस बात पर उच्चाधिकारियों से बात की और साफ कहा कि पुलिस का मामला दर्ज कर जांच करके अदालत के सामने रखना था लेकिन पुलिस ने संभवत: हैबीटेट के निवेशकों के दबाव में आकर सैंकडो निवेशकों की मेहनत की कमाई को डकारने में उनकी मदद की। साहिबाबाद विधायक ने इस संबध में मुख्यमंत्री से भी अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी। जिसका परिणाम ये हुआ कि यूपी पुलिस में मलाई दार तैनाती काटने वाले सीओ अभय कुमार मिश्रा का गुरूवार रात अचानक साेनभद्र पीएसी में तबादला कर तत्काल कार्यभार ग्रहण करने आदेश जारी हो गया। साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ो लोगों से हुई ठगी के मामलें में जब सीओ इंदिरापुरम ने विधायक की बात को अनसुना कर दिया तो विधायक जी का नाराज होना स्वाभाविक था और शायद सीओ साहब को यहीं नाराजगी भारी पड़ गई।