राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसद आज दोपहर हाथरस जाएंगे और साथ ही 19 वर्षीय युवती के परिवार से मिलेंगे। जिसकी क्रूरता से बलात्कार और हत्या कर दी गई।
आपको बता दे हाथरस दुष्कर्म मामले में सियासत जोरों पर है। गुरुवार को राहुल गांधी को पीड़िता के पास नहीं पहुंचने दिया गया था। पुलिस ने राहुल गांधी को यमुना एक्सप्रेसवे पर ही रोक दिया था। जिससे कारण राजनीतिक पारा बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। पीड़िता के गांव को पुलिस ने चारों तरफ से सील कर दिया है और साथ ही किसी राजनीतिक दल के नेताओं या मीडिया के जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
राहुल गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया ट्वीटर पर लिखा है, “इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ यूपी सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए। दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलने और उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।”
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘यह इन दोंनों भाई बहनों का राजनीतिक पाखंड है।’ जब कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में ऐसा ही अपराध हुआ , तब भाई-बहन चुप क्यों थे ?
हालांकि, हाथरस कांड में एक्शन में आई योगी सरकार ने शुक्रवार शाम को वहां के पुलिस अधीक्षक, उपाधीक्षक, इंसपेक्टर व दो अन्य पुलिस कर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया है और साथ ही हाथरस का नया एसपी शामली के कप्तान विनीत जायसवाल को बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद दिए।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में पीड़ित परिवार, आरोपी पक्ष व संबंधित पुलिस कर्मियों का पालीग्राफ व नार्को टेस्ट भी कराने का भी आदेश दिए हैं। सस्पेंड किए जाने वालों में जिले के कप्तान विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी रामशब्द, इन्सपेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह व हेड मोहर्रिर महेश पाल शामिल हैं।
हाथरस कांड के बाद पीड़िता के गांव में कड़ा पहरा लगा दिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को मीडिया सहित बाहरी लोगों को गांव में नहीं घुसने दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व कुछ तथ्यों के सामने आने के बाद आरोपी पक्ष भी अब खुलकर सामने आ गए है और इलाके में पंचायतें शुरू हो गई हैं।