“हम दोनों की कहानी… वक्त से भी खूबसूरत निकली। दसवीं सालगिरह मुबारक!”
“जहाँ तुम हो, वहीं मेरा घर है। और अब ये घर 10 साल का हो गया है।”
*शादी की दसवीं सालगिरह शुरू होने पर….*
कुछ पुरानी तस्वीरें फिर से मुस्कुराईं,
वो पहली मुस्कान, वो हल्की सी शरमाहट,
जैसे वक्त की किताब फिर से पलट गई।
साल दर साल साथ चले,
कभी धूप में, कभी छांव तले,
कुछ खामोशियां थीं, कुछ हँसी के मेले,
कभी रूठना, कभी मनाना — सब रंग थे रिश्ते के इस खेल में।
पहली लड़ाई की बात याद है?
या वो पहली बार जब तुमने चाय बनाई थी?
आज भी उसी चाय की खुशबू
हर सुबह को खास बना जाती है।
इन सालों में हमने बहुत कुछ पाया,
कुछ खोया, कुछ सहेजा, कुछ संभाला,
पर सबसे कीमती तो ये साथ था —
जो हर मोड़ पर हमें एक-दूजे के और करीब लाता गया।
शादी की दसवीं सालगिरह शुरू होने पर,
मैं सिर्फ तुम्हारा “धन्यवाद” कहना चाहता हूँ —
कि तुमने हर तूफान में मेरा हाथ थामा,
और हर मुस्कान में मेरी आंखों में झांका।
आओ, इस नए दशक की शुरुआत करें,
फिर से एक वादा करें —
कि अगला हर साल,
प्यार में बीते, साथ में बीते, और यूँ ही खूबसूरत बीते।
— डॉ. सत्यवान सौरभ