जनसागर टुडे
आजमगढ़ / सूरज सिंह – भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप की पुण्य तिथि पर महाराणा प्रताप सेना द्वारा रविवार को हरिओध कला केंद्र में राष्ट्रीय सम्मेलन पराक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय सम्मलेन में महाराणा प्रताप के पराक्रम की चर्चा एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारजनों एवं विविध क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय सम्मेलन में स्मारिका ‘पराक्रम’ का भी विमोचन हुआ।बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। महाराणा प्रताप का जीवन चरित्र से हमें राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव पैदा करता है। उन्होंने कहा कि अगर विजय प्राप्त करनी है तो सबको साथ लेकर चलना होगा यही भगवान राम और महाराणा प्रताप ने किया। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाठ्यक्रम में महापुरुषों की बड़े स्तर पर जोड़ने का काम किया है। बतौर मुख्य वक्ता उदयपुर, राजस्थान के ख्यातिलब्ध शिक्षाविद प्रो चंद्रशेखर शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप ऐसे समग्र व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने वनवासियों के साथ जीवन जीकर उनका दिल जीत लिया। उन्होंने बताया था कि हल्दीघाटी का युद्ध अकबर ने नहीं बल्कि महाराणा प्रताप ने जीता था। उन्होंने इस संबंध में उन्होंने किये अपने शोध को विस्तार से स्पष्ट किया। उन्होंने हल्दीघाटी युद्ध से जुड़े विविध पहलुओं को बताया।
विशिष्ट अतिथि विधान परिषद सदस्य डॉ देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश प्रेम और राष्ट्रीय स्वाभिमान को लेकर महाराणा प्रताप से संघर्ष किया। उनका जीवन दर्शन था कि उन्होंने कभी महिला और बच्चों पर हाथ नहीं उठाया। चरित्रवान योद्धा की तरह निहत्थे शत्रुओं पर कभी वार नहीं किया। विशिष्ट अतिथि विधायक डॉ. केतकी सिंह ने कहा कि पीढियों को अकबर को महान बताया गया। यह हमारी शिक्षा की कमी थी। कहा कि जो देश के तिरंगे के प्रति सम्मान नहीं करते उनका तिरस्कार करना चाहिए। उन्होंने बच्चों के माता पिता से अपील की कि अपने बच्चों को मोबाइल से दूर कर महापुरुषों के व्यक्तित्व से परिचित कराए। विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद संतोष कुमार सिंह ने महाराणा प्रताप के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि निदेशक, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के निदेशक डॉ सीएम सिंह ने कहा कि भारतीय इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया गया और गलत तथ्यों को पढ़ाया गया। भाजपा नेता अखिलेश मिश्र गुड्डू ने बताया कि उत्तर प्रदेश का संस्कृति विभाग नरौली तिराहे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति लगवाने के लिए तैयार है। अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने किया। उन्होंने सेना द्वारा निरंतर किये जा रहे कार्यों की प्रगति भी बताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता एडवोकेट शत्रुध्न सिंह व संचालन डा. ईश्वर चन्द्र त्रिपाठी ने किया। लोक गायक बादल सिंह और आराधना सिंह ने वीररस पर गीत प्रस्तुत किये। जादूगर ने राम राठी ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर प्रो शिवे शर्मा, प्रभु नारायण प्रेमी, कमलाकान्त सिंह, सुभाष चंद्र सिंह, अनिल सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, राजेश सिंह, प्रवीण सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, वीरभद्र प्रताप सिंह, दिनेश खंडेलिया, अच्युतानंद तिवारी, गुलाब राय, शीला सिंह, अशोक कुमार सिंह, विजय माध्यम, रितु सिंह, राम पलट शर्मा, राजेश प्रधान, दीनानाथ सिंह, एमपी सिंह, मिथिलेश सिह, विक्रम सिंह, भागवत तिवारी, अवधेश ठाकुर समेत देश के भागों से लोगों ने प्रतिभाग किया। इनका हुआ सम्मान रू सम्मेलन में डा. चन्द्रशेखर शर्मा, आरएन तिवारी, डा. ईश्वर चन्द्र त्रिपाठी, वीरभ्रद्र सिंह, शशि प्रकाश सिंह, दिग्विजय सिंह राठौर, स्त्रोत सिंह, डा प्रवेश सिंह, सौरभ उपाध्याय, आराधना, सिंह, बादल सिंह, कमलेश राय, विपुल मिश्र, हौसला प्रसाद उपाध्याय, प्रशांत कुमार विश्वकर्मा, संजय कुमार राय आदि को विशेष क्षेत्रों में योगदान के लिए अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र, स्मारिका पराक्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया।