मोटापे से होने वाली बीमारियों का उपचार सम्भव- डॉ आशीष गौतम
-मैक्स अस्पताल ने जागरूकता सत्र का किया आयोजन
डीके निगम
बुलंदशहर। मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओ एस ए) जैसी बढ़ती चिंताओं पर जोर देने के उद्देश्य से, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के चिकित्सकों ने शुक्रवार को बुलंदशहर के अलका मोटल में एक जन जागरूकता सत्र का आयोजन किया।
इस सत्र में मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पटपड़गंज के लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ. आशीष गौतम भी मौजूद रहे। जिन्होंने इन खामोश घातक बीमारियों की आपसी जटिलताओं, इन स्थितियों के बढ़ते खतरे, प्रारंभिक पहचान के महत्व और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इन बीमारियों को रोकने और प्रबंधित करने के तरीकों को समझाया।
बेरियाट्रिक सर्जरी मोटापे और उससे जुड़े रोगों जैसे टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) और अन्य मेटाबॉलिक जैसी बीमारियों से लंबे समय के लिए समाधान प्रदान करती है। वैज्ञानिक शोध और क्लीनिकल ट्रायल से साबित हुआ है कि बेरियाट्रिक सर्जरी न केवल सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करती है, बल्कि टाइप 2 डायबिटीज का पूरी तरह से उपचार करने और हाइपरटेंशन व अन्य मेटाबॉलिक समस्याओं के खतरे को कम करने में भी प्रभावी है। डॉ गौतम ने बताया कि रोबोटिक-असिस्टेड बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद मरीज को 48 घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। यह मिनिमली इनवेसिव पद्धति कई फायदे प्रदान करती है, जैसे संक्रमण का कम जोखिम, कम खून की हानि और तेज रिकवरी, जिससे मरीज जल्दी अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट सकते हैं।
डॉ. आशीष गौतम ने कहा, “वर्तमान में, 77 मिलियन से अधिक भारतीय डायबिटीज के साथ जी रहे हैं, जिसका मुख्य कारण असंतुलित जीवनशैली है। हालांकि, बढ़ती जागरूकता के साथ उचित आहार, व्यायाम और नियमित निगरानी के माध्यम से रोका जा सकता है। उच्च रक्तचाप, जो एक और व्यापक लेकिन अक्सर अज्ञात स्थिति है, हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी डैमेज का प्रमुख कारण बनी हुई है। नियमित रक्तचाप जांच, विशेष रूप से परिवार में उच्च रक्तचाप के इतिहास वाले व्यक्तियों के लिए, प्रारंभिक पहचान और प्रबंधन के लिए आवश्यक है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया भी एक अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली स्थिति है, जिसके गंभीर परिणाम थकान, हृदय संबंधी समस्याओं और समग्र स्वास्थ्य पर पड़ते हैं।”
डॉ. आशीष ने आगे कहा “संतुलित पोषण, नियमित शारीरिक गतिविधि, मासिक स्वास्थ्य जांच और प्रभावी वजन प्रबंधन स्वस्थ जीवनशैली के आधारभूत स्तंभ हैं। प्रारंभिक स्क्रीनिंग और समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप इन स्थितियों से जुड़े जोखिमों को कम करने में महत्वपूर्ण हैं। व्यापक जीवनशैली संशोधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करके, हम इन स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ती घटनाओं का सामना कर सकते हैं और उनके प्रभाव को व्यक्तियों और समाज पर काफी हद तक कम कर सकते हैं। मोटासे से होने वाली गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए मैक्स अस्पताल पटपड़गंज, मरीजों के परिणामों में सुधार, देखभाल की गुणवत्ता बढ़ाने और समुदाय की भलाई में योगदान देने का प्रयास कर रहा है।