सर्दियों में अस्थमा और सांस की तकलीफ: सही देखभाल से राहत संभव
सर्दियों का मौसम ठंडक और त्योहारों की खुशियां तो लेकर आता है, लेकिन अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम कई चुनौतियां भी लेकर आ सकता है। भारत में करीब 3.5 करोड़ लोग अस्थमा जैसी सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं, और ठंड का मौसम उनकी परेशानी को और बढ़ा सकता है। ठंडी और सूखी हवा, एलर्जी और पर्यावरण में बदलाव अस्थमा के अटैक के बड़े कारण बन सकते हैं।
अस्थमा एक पुरानी सांस की बीमारी है जिसमें सांस की नलियों में सूजन और सिकुड़न के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। सर्दि सांस की नलियों को और ज्यादा संवेदनशील बना देती है, जिससे मरीजों को खांसी, सांस लेने में कठिनाई और छाती में जकड़न जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, सर्दियों में धूल, पालतू जानवरों के बाल और फफूंदी जैसे एलर्जी करने वाले तत्व घर के अंदर ज्यादा मौजूद रहते हैं, क्योंकि खिड़कियां और दरवाजे बंद होने से वेंटिलेशन कम हो जाता है।
डॉ. (ब्रिगेडियर) सर्विंदर सिंह, जो यथार्थ अस्पताल, ग्रेटर नोएडा के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजी सलाहकार हैं, उन्होंने यह कहा, “सर्दियों में अस्थमा के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ठंड और प्रदूषण की वजह से सांस की नलियों पर जो दबाव पड़ता है, वह अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है। सही देखभाल, नियमित दवाओं का सेवन और समय पर डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।”
ठंड के मौसम में सांस की नलियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, और इस दौरान फ्लू और सर्दी जैसे संक्रमण भी अधिक हो जाते हैं, जो अस्थमा के लक्षणों को और बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही, लकड़ी जलाने और हीटर के उपयोग से निकलने वाला धुआं और प्रदूषण, हवा को और खराब करता है, जिससे अस्थमा के मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है।
अस्थमा के मरीजों को सर्दियों में अपनी नाक और मुंह को स्कार्फ या मास्क से ढककर रखना चाहिए, ताकि सांस लेने वाली हवा गर्म और नमी से भरी हो। घर के अंदर की हवा को साफ रखना भी बहुत जरूरी है। एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और नियमित रूप से घर की सफाई करें। धूल, धुआं और सिगरेट के धुएं से दूर रहें। डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएं, खासकर इनहेलर का नियमित रूप से इस्तेमाल करें। साथ ही, फ्लू और निमोनिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए वैक्सीन लगवाएं।
सर्दियों में अस्थमा से बचाव और सही देखभाल के जरिए मरीज न केवल अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। ठंड के मौसम में अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानी और जागरूकता बेहद जरूरी है। सही उपायों और समय पर इलाज से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि ठंड का मौसम किसी भी स्वास्थ्य समस्या का कारण न बने।