पुलिस व प्रेस लिखे वाहनों की भरमार पुलिस मौन।
यतेंद्र त्यागी
बुगरासी।आजकल नही काफी दिनों से क्षेत्र में प्रेस व पुलिस लिखे वाहनों की भरमार है और हो भी क्यों. ना जब पुलिस के सामने से ये वाहन फर्राटे भर कर निकल जाते है और पुलिस गाँधीजी के तीन बंदरों की तरह सब कुछ चुपचाप देखती रहती.है।दो नम्बर का काम करने वाले प्रेस लिखवाकर बिना रोक टोक के थाने व चौकियों के आगे से निकल जाते हैं।इसी तरह पुलिस लिखे वाहन भी बिना रोकटोक के फर्राटे भरे आराम से घूमते रहते है और घूमें भी क्यों ना जब पुलिस ऐसे वाहनों को चैक तक नही करती है।कभी कभी बडी वारदात करके ये बदमाश प्रेस व पुलिस लिखे वाहनो पर बेखौफ थाने व चौकियों के आगे से निकल जाते है।जानकारी मिलने पर पुलिस हाथ पैर मारकर बैठ जाती है।अगर समय रहते ऐसे वाहनों की चौकिग.होती रहे तो किसी बदमाश का इस तरह निकलना मुश्किल ही नही ना मुमकिन होगा।पुलिस की लापरवाही के चलते ये लोग फायदा उठाकर बचकर निकल जाते है।