*नगर पालिका या एनएचएआई मौत का सौदागर कौन?*
एक वृद्धा की जिंदगी लील चुके है हाईवे के गड्ढे
नगर पालिका तथा एनएचएआई की नूरा कुश्ती पर चेयरमैन मौन पुत्र हुआ हमलावर
सोशल मीडिया पर चेयरमैन पुत्र के बिगड़े बोल
डिबाई से धर्मेंद्र लोधी की रिपोर्ट
डिबाई। कहावत है कि सत्ता पाए काहे मद नहि… जिसका प्रमाण रविवार की शाम को सोशल मीडिया पर उस वक्त देखने को मिला जब नगर पालिका परिषद की कार्यशैली को लेकर ग्रुप पर कुछ सदस्यों द्वारा टिप्पणियां की जा रही थी। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष अरुण सिंघल के पुत्र अंकित सिंघल ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए टिप्पणियां कर डालीं। जिसको लेकर नगर ने चर्चाओं का दौर चल पड़ा। विषय ये था नगर पालिका परिषद पर की गई चर्चाओं पर अंकित सिंघल द्वारा दी गई प्रतिक्रिया किस अधिकार से और किसका प्रतिनिधित्व करते हुए की गई है। ज्ञात हो कि विगत माह में दिनांक 21 को एनएच 509 स्थित परिषदीय विद्यालय अर्थात टाउन स्कूल के सामने घटित घटना में अपने पुत्र का इंतजार करती थानाक्षेत्र डिबाई के ग्राम कुशया फतेहाबाद निवासिनी प्रेमवती का करुणांत महज इस कारण से हो गया कि डिबाई दोराहे की ओर से मोटर साइकिल द्वारा आते हुए 25 वर्षीय दीपक की मोटरसाइकिल का पहिए अचानक टाउन स्कूल के सामने के गड्ढे में चला गया। जिससे दीपक की बाइक असंतुलित होकर सड़क पर गिर गई । जिसकी चपेट में आकर प्रेमवती गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसके बाद आनन फानान में उपचार हेतु उक्त महिला को सामुदायिक केंद्र डिबाई ले जाया गया। जहां मौजूद डॉक्टरों द्वारा उक्त महिला को मृत घोषित कर दिया। हालांकि इस हादसे में बाइक सवार दीपक भी घायल हो गया। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। मामला सोशल मीडिया में खूब हाइलाइट हुआ। तमाम अखबारों और न्यूज चैनलों की सुर्खी भी बना। लेकिन इस सब का परिणाम क्या निकला! कुछ नहीं। न शासन कुछ बोला और न प्रशासन। इतना ही नहीं इतनी बड़ी घटना पर न तो एनएचएआई की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई और न ही नगर पालिका परिषद की ओर से। प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे पूर्व भी एनएच पर कोतवाली डिबाई से रोडवेज बस स्टैंड के बीच पानी रिसते लगभग आधा दर्जन से अधिक गड्ढों में गिर कर कई बाइक सवार गंभीर रूप से जख्मी हो चूके हैं। लेकिन इस पर स्वयं को समाजसेवी जन सेवक बताने वाली नगर पालिका परिषद के सम्मानित जिम्मेदारों की संवेदन हीनता देखिए कि उक्त गड्ढे पर मैटेरियल डलवा कर नगर पालिका ने अपना पल्ला झाड़ लिया। जबकि सूत्रों की माने तो विगत कई वर्षों से ये गड्ढे आम जिंदगी को लीलने के लिए मुंह बाए हुए हैं। लेकिन नगर पालिका प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर अपनी आखें मूंदने का काम किया जा रहा है। इस विषय पर जानकारी जुटाने पर पता चला कि डिबाई नगर की बीच से गुजरते इस हाईवे के नीचे नगर पालिका की वाटर सप्लाई की लाइन बिछी हुई है। जिसे दुरुस्त कराने अथवा नई लाइन डालने की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद की है। जिसके बाद एनएचएआई द्वारा फंड रिलीज करने पर उक्त हाईवे को पुनः यातायात योग्य बनाया जाना सुनिश्चित है। लेकिन इस सब में जब नगर एवं जिला स्तरीय पत्रकारों ने स्थानीय विधायक सीपी सिंह से वार्ता की तो विधायक सीपी सिंह लोधी ने तत्समय टेलीफोनिक वार्ता करके एनएचएआई के प्रोजैक्ट डायरेक्टर तथा नगर पालिका अध्यक्ष अरुण सिंघल से मामले की जानकारी ली। तो उसमें सामने आया कि नगर पालिका द्वारा इस काम को करने के लिए एनएचएआई से एक एनओसी लेनी है। जिसे एनएचएआई द्वारा नगर पालिका डिबाई को उपलब्ध नहीं कराया गया है जिसके कारण सड़क के नीचे की पाइपलाइन को दुरुस्त नहीं किया जा सकता। अब इसीक्रम में एनएचएआई का कथन इससे बिल्कुल अलग ही था कि नगर पालिका परिषद डिबाई द्वारा कोई एनओसी मांगी ही नहीं गई है। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्थानीय विधायक ने नगर पालिका परिषद को सख्त लहजे में इस समस्या के समाधान के लिए कहा। परंतु अब इसे सत्ता की हनक कहें या लापरवाही कि आज तक सड़क के इन गड्ढों से नगर वासियों को निजात नहीं मिल सकी। जिसको लेकर नगर में रोष उत्पन्न हो रहा है।