Thursday, November 21, 2024
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होमराज्यउत्तर प्रदेशआवक कम व डिमांड बढ़ने से लगातार बढ़ रहे सब्जियों के रेट

आवक कम व डिमांड बढ़ने से लगातार बढ़ रहे सब्जियों के रेट

  • आवक कम व डिमांड बढ़ने से लगातार बढ़ रहे सब्जियों के रेटटमाटर, आलू और प्याज के बढ़ते दामों ने छीन लिया खाने का स्वाद, गरीब लोगों ने सब्जियों से बनाई दूरी, ग्रहणिया परेशान।

डीके निगम जिला संवाददाता

शिकारपुर। एक तरफ मानसून खत्म होने की तैयारी कर रहा है तो वहीं बारिश से सब्जियों के भाव में तेजी पकड़ ली है। जहां प्याज लहसुन आलू और टमाटर के दाम शुरू से ही कम नहीं हो रहे थे तो अब हरी सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। बारिश के कारण सब्जियों के दाम में तेजी आ गई है। बल्कि खाने की थाली पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। क्षेत्र में बिक रही सब्जियों के दामों में” एक साथ बढ़ोतरी हुई है। जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है। कारण वश ग्रहणियों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है। सब्जियों के दामों में आई तेजी से लोगों को हैरान कर दिया है। सब्जियों के दामों में महंगाई का तड़का लग गया है बाजारों में आज सब्जी खरीद पाना मुश्किल हो चला है। सब्जी के बेलगाम बढ़ते भाव से साफ हो रहा है आम आदमी की थाली से कटोरी भर सब्जी दूर हो जाएगी।
क्षेत्र के खुर्जा बस अड्डा, पहासू रोड, बीच वाली सब्जी मंडी, पेठ चौराहा, जहांगीराबाद चुंगी सहित विभिन्न स्थानों पर फुटकर में सब्जी बिकती है। यहां खरीदारी करने पहुंच रही ग्रहणीयो को सब्जी के दामों को सुनते ही बजट डगमगाने की चिंता सताने लगी है। आलम यह है कि अधिकांश सब्जियों में प्रयोग होने वाले आलू और टमाटर प्याज लहसुन गोभी के दाम अत्यधिक हो गए हैं।
क्या कहते हैं सब्जी विक्रेता.
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सब्जी विक्रेता सुखपाल सैनी, सचिन सैनी, दुर्गा सैनी, योगेश पप्पू सैनी अरविंद आदि का कहना है कि इस समय लोकल सब्जी कम हो गई है। ऐसे समय में ज्यादातर बाहर से माल आता है। जिससे लागत बढ़ जाती है। पिछले दिनों से बारिश के कारण पेड़ पौधे भी बेकार हो गए। इस कारण ज्यादातर सब्जियों के दाम बढ़े और पैदावार कम हो गई। इससे सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। जिससे फुटकर में कोई भी सब्जी ₹40 नीचे नहीं है ।उधर किसान राजेश कुमार सैनी गोपाल किशन सैनी सोनू सैनी का कहना है कि बाजारों में बढे सब्जियों के दाम आसमान छू रहे इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। फुटकर विक्रेता दुगना लाभ उठा रहे हैं किसान अभी भी नुकसान में ही है।
ग्रहणिया बोली
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आलू ₹40 किलो, लौकी ₹40 किलो, गोभी ₹100 किलो, मिर्च ₹100 किलो, अदरक ₹240 किलो, टमाटर ₹80 किलो, करेला ₹40 किलो, भिंडी ₹40 किलो, प्याज ₹60 किलो, लहसुन ₹450 किलो अरबी ₹60 किलो, शिमला मिर्च 90 रुपए किलो। फूल गोभी₹50 किलो। पालक सलजम ₹60 किलो मूली 40रूपए किलो है।

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