गाजियाबाद– यदि देखा जाए तो राजनीतिक सत्ता में होना पक्ष विपक्ष के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी पर भी बड़ा असर करता है ! यदि सरकार सत्ता में है तो जितना भी मन करे सड़क जाम कर लो हंगामा कर लो पुलिस प्रशासन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है ना ही कोई मुकदमा दर्ज होता है लेकिन यदि सत्ता के विपक्ष का कोई कार्य करता या पदाधिकारी शांतिपूर्वक बैठकर अपनी मांग को पूरा करवाने के लिए धरना प्रदर्शन भी करें तो उन पर तत्काल मुकदमा दर्ज करने का काम गाजियाबाद पुलिस करती है ! ऐसा ही मामला गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी एवं उसके कार्यकर्ताओं के साथ भी हुआ है ! जनपद गाजियाबाद में समाजवादी युवजन सभा के जिला अध्यक्ष पंडित जीतू शर्मा समेत 20 अन्य अज्ञात कार्यकर्ताओं पर मुकदमा यह कारण बताते हुए किया गया उन्होंने धरना प्रदर्शन कर शांति व्यवस्था को भंग किया है !
समाजवादी युवजन सभा के जिला अध्यक्ष पंडित जीतू शर्मा का कहना है कि मैंने गरीब ई- रिक्शा चालकों की मदद के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया था। जब धरना प्रदर्शन था तो स्वभाविक है कि नारेबाजी भी होगी। जब हम धरना प्रदर्शन कर रहे थे। तब जिला कलेक्ट्रेट परिसर में “दिशा” की बैठक जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच चल रही थी। जब एसडीएम हमारा ज्ञापन लेने आये तो हमने जिलाधिकारी से मिलने की मांग की थी। एसडीएम को जब हमने ज्ञापन देने से मना कर दिया। तब यह सूचना चलती बैठक के बीच में अधिकारियों एवं भाजपा जनप्रतिनिधियों तक पहुंचीं। जिसके बाद भाजपा के लोकसभा सांसद अतुल गर्ग और भाजपा अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बैठक के बीच मेरा नाम सुनकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को दबाब में लेकर मुझे जेल भेजने की साजिश करते हुए यह मुकदमा दर्ज कराने के लिए जिला प्रशासन पर दबाब बनाया। एडीएम गंभीर सिंह हमारा ज्ञापन लेने पहुँचें थे। अगर गरीबों के हक़ अधिकार और सम्मान की लड़ाई लड़ना अपराध है तो मैं ऐसे अपराध बार बार करूँगा। हर बार करूँगा। भाजपा सांसद अतुल गर्ग भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के दबाब और ईशारे पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है।