डिबाई/बुलंदशहर/ गौरतलब है कि डिबाई क्षेत्र में ओयो होटल खोलने की मानो होड सी लग गई थी जिधर देखो उधर ओयो होटल का टैग लगे होटल नजर आ रहे थे ओयो होटल की आड में जिस्म-फरोसी का धंधा भी खूब फल फूल रहा था। जिससे छात्र व छात्राओं के अलावा आसपास के माहौल पर भी लगातार गलत प्रभाव पड रहा है।
जैसे ही ओयो होटलों पर प्रशासन का चाबुक चला और ओयो होटल बन्द होते चले गये तो लाखों रुपए महीने कमाने वाले ओयो होटल संचालकों का मानो कारोबार ही बन्द हो गया।अब ज्यादातर ओयो होटल संचालक अब ओयो होटल की जगह गैस्ट हाउस नामक नाम का नाजायज फायदा उठा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो ऐसे ही कई गैस्ट हाउस हैं जहां गैस्ट कम और अबैध संबधों में लिप्त युवक और युवतियां घण्टे भर रूकते कभी भी देखे जा सकते हैं।नाम न छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया की ये सोचने वाली बात है।डिबाई के धरमपुर रोड पर न तो कोई पिकनिक स्थल है और न ही कोई पर्यटक स्थल है फिर भी यहां भी गैस्ट हाउस हैं और उन गैस्ट हाउसों पर रोजाना ऐसे गैस्ट चोरी छिपे आते हैं
जिनका मुंह पूरा ढका हुआ होता है जिनकी पहचान करना नामुमकिन हैं आखिर ये कैसे गैस्ट होते हैं जिन्हें अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना मुंह तक छुपाना पडता है इससे ज्यादा देखने वाली और ये भी है कि इन गैस्टों का ज्यादातर रिकार्ड गैस्ट हाउसों पर नही रखा जाता है। जो जांच के दौरान कभी देखा जा सकता है।