सिकंदराराऊ। सोशल मीडिया युग में हिंदी की दिशा और दशा दोनों में ही काफी परिवर्तन हुआ है। जहां हिंदी का प्रचार प्रसार बढ़ा है वहीं हिंदी की शब्दावली कुछ विकृत हुई है ।उक्त बातें उ प्र भाषा संस्थान लखनऊ द्वारा हिंदी प्रोत्साहन समिति के सहयोग से अधिवक्ता कक्षा में आयोजित सोशल मीडिया के युग में हिंदी की दिशा और दशा विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं द्वारा व्यक्त की गयीं ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपाल सिंह चौहान ने की वही संचालन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल ने किया।डाॅ ग्या प्रसाद मौर्य रजत ने कहा कि हिंदी का निखरता हुआ रूप जो हम देख रहे हैं उसमें सोशल मीडिया एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। आज हिंदी विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ रही है।
वहीं हिंदी प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षितशूल ने कहा कि सोशल मीडिया से हिंदी का प्रचार प्रसार तो बढ़ा है किंतु शब्दों में कुछ विकृति भी आई है। हिंदी भाषी लोग भी अपनी बात अंग्रेजी में टाइप करते हैं वह गलत है उन्हें हिंदी में लिखने का प्रयास करना चाहिए।संगोष्ठी में प्रमुख रूप से गौरी शंकर गुप्ता नोटरी, डाॅ शरीफ अली, ओम प्रकाश सिंह एड एवं डॉ सतेद्र भारद्वाज ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर बार एसोसिएशन के सचिव प्रमोद कुमार बघेल, अशोक शर्मा एड,हुकम सिंह बघेल एड, मुरारी लाल शर्मा एड,शिव कुमार सक्सेना एड, हरपाल सिंह यादव, अरुण दीक्षित एड, कल्लू सिंह कुशवाहा एड, राधेश्याम यादव एड, अरविंद भारद्वाज, बृजेश पाठक नोटरी, कुलदीप पचौरी ,राम खिलाड़ी यादव ,रामबिरेश यादव, के एल जैन एड ,भगवान सिंह एड, हरिप्रसाद बघेल ,अजय यादव, जगबीर सिंह पूर्व प्रधान, श्रीनिवास मुनीम आदि मौजूद थे।