जनसागर टुडे
गाजियाबाद- संरक्षक सर्राफा एसोसिएशन गाजियाबाद एवं वरिष्ठ समाजसेवी राज किशोर गुप्ता ने कहा कि
मीडिया की खबरों के अनुसार मालूम पड़ा,शहर की फिजा को यह क्या हो गया,एक समाजसेवी दूसरे समाजसेवी पर अवैध उघाई,एवं सरकारी जमीनों पर कब्जा करने का संगीन आरोप लगा रहा है,दोनों वरिष्ठ समाजसेवी हैं,ज्ञात रहे स्वर्गीय दमयंती गोयल जब मेयर थी,उन्होंने डायमंड के पास नगर निगम की जगह को अग्रसेन वाटिका के नाम से विकसित करने के लिए दी थी,उस वाटिका में आज करीब 700 लोगों को मात्र ₹10 में भरपेट भोजन मिल रहा है,उस पर कोई दुकान या मकान नहीं बना है,जो सरकारी कब्जे का कारण बने,आखिर क्या वजह रही,जो इस प्रकरण को मीडिया के मार्फत उछाला जा रहा है,आखिर कहां गई वैश्य समाज की एकता और अखंडता,अगर दूसरे समाजसेवी को उनका कार्य पसंद नहीं है,तो इस नेक कार्य करने का आपस में मिलकर,खुद बीड़ा उठा सकता है,ऐसी आरोप-प्रत्यारोप वैश्य समाज के लिए,और शहर की जनता के लिए ठीक नहीं है,अगर कोई मसला है तो आपस में बैठकर निपटाया जा सकता है,यही एक मुख्य कारण है कि दूसरे समाज के लोग हमेशा वैश्य समाज पर हावी रहते हैं, !