जनसागर टुडे
आजमगढ़-
जनपद में तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी की अध्यक्षता में प्रशिक्षण का आयोजन सोमवार को किया गया। जिसमें जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी और बीपीएम को प्रशिक्षित किया गया।सीएमओ ने तम्बाकू के बढ़ते उपयोग एवं उसके रोकने के लिए प्रयास पर जोर दिया और कहा कि नए साल में सभी लोग अपने कार्यालय को तम्बाकू मुक्त करें एवं कार्यालय में तम्बाकू के उपयोग करने पर उपयोगकर्ता पर जुर्माना करें।एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ ए अजीज ने बताया कि धूम्रपान, तंबाकू चबाना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इससे धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति का भी नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि धूम्रपान से गर्भवती महिलाओं और उनके पेट में पल रहे शिशु को गंभीर बीमारियों का खतरा होता है। इसलिए हम सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन लखनऊ के क्षेत्रीय समन्वयक दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि अभी हाल ही में भारत सरकार ने ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वेक्षण -2021 जारी किया गया है। इसकेे अनुसार 23 फीसदी लड़कों एवं 24 फीसदी लड़कियों द्वारा किसी न किसी रूप में तम्बाकू उत्पादों का उपयोग, 22 फीसदी विद्यार्थी सार्वजानिक स्थानों पर परोक्ष रूप से धूम्रपान (सेकेंड हैंड स्मोक) कर रहे हैं। साथ ही साथ हम गैट्स-2 के रिपोर्ट को देखें तो 23.1 फीसदी पुरुष, 3.2 फीसदी महिलाएं और सभी वयस्कों का 13.5 फीसदी वर्तमान में तंबाकू का सेवन करते हैं। युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर रखने और नई पीढ़ी को तम्बाकू के जोखिम के कारकों से विस्तृत रूप से अवगत कराया गया है।जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ओमजी श्रीवास्तव ने बताया कि धूम्रपान से कैंसर, दिल की बीमारी, पक्षाघात, सांस लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा मुंह में फोड़ा, निगलने में परेशानी, पुरा मुंह न खुलना आदि लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। प्रशिक्षण में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी, बीपीएम और एफएलसी दिलीप मौर्या सहित कुल 61 लोग उपस्थित थे।