जन सागर टुडे-
– डायरेक्टर पर भ्रष्टाचार के भी कई बार लग चुके हैं गंभीर आरोप
– नर्स उत्पीड़न कांड में भी शासन ने कराई है जांच
– नेत्र ज्योति समेत शारीरिक अक्षमता के भी बताये जा रहे शिकार लेकिन सरकार को इस बारे में आज तक नहीं भेजी गई कोई रिपोर्ट
कानपुर। यहां देश के जाने माने हृदय रोग संस्थानों में से एकलक्ष्मीपत सिंघानिया राजकीय ह्रदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी ) में निदेशक की कुर्सी चर्चा का विषय बनी हुई है।
जिसे वर्तमान निदेशक द्वारा बचाने में मिली सफलता का श्रेय विधानसभा के एक महत्वपूर्ण पद के पदाधिकारी भाजपा को दिया जा रहा है।
पता चला है कि निदेशक कार्डियोलॉजी डॉ विनय कृष्णा ने इस बारे में जिस आशय की जानकारी अपने समर्थक सहयोगियों को दी है , उनसे जुड़े भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक एक तरह से नियमों के विपरीत तीसरी बार अघोषित सेवा विस्तार के रूप में कानपुर में डायरेक्टर कार्डियोलॉजी की अपनी कुर्सी बचाने में डॉ विनय कृष्णा को सफलता अवश्य मिल गई है ,जिसका आभार भी व्यक्त करते हुए इस सफलता का पूरा श्रेय वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के एक बड़े पदाधिकारी को दे रहे हैं। उनके मुताबिक दो बड़े भाजपा नेता मंत्रियों ने भी उनके पक्ष में पत्र लिखा था |
फिलहाल सूत्रों की नजर में विधानसभा के बड़े पदाधिकारी नेता द्वारा सेवा विस्तार में सहयोग के फलस्वरूप डायरेक्टर की अपनी कुर्सी बचाये रखने जैसी जो सफलता मिली है। उससे यही निष्कर्ष निकलता है कि लगभग डेढ़ दशक से डायरेक्टर कार्डियोलॉजी की कुर्सी पर अंगद की तरह पैर जमाए बैठे डॉ विनय कृष्णा पर भले ही सरकारी बजट से खरीदारी और निर्माण आदि में हेरफेर करके करोड़ों रुपए डकारने जैसे भ्रष्टाचार से जुड़े अनेक गंभीर आरोप हों। भले ही उनके खिलाफ इस बारे में अनेक शिकायतें भी की जा चुकी हों। भले ही हैलट के बहुचर्चित नर्स बिंदु यादव उत्पीड़न कांड में शासन द्वारा कराई गई 3 सदस्य कमेटी की जांच में भी वह दोषी पाए गए हों। भले ही पत्थर वाली आंख या फिर इसी से जुड़ी अन्य शारीरिक अक्षमता मरीजों के जीवन को खतरे में डालने वाली हो और भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन देने का दावा करते हों लेकिन डॉक्टर विनय कृष्णा को कानपुर कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर के पद से नहीं हटाया जाएगा | उनके जुगाड़ और प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नेत्र ज्योति यानी पत्थर आंख से संबंधित आरोपों के तहत उनके खिलाफ आज तक कोई रिपोर्ट मांगने के बाद भी शासन को नहीं दी गई।
सूत्रों ने बताया कि डायरेक्टर कार्डियोलॉजी ने इस बारे में अपने नजदीकी लोगों जिस आशय का दावा किया है। उसके मुताबिक विधानसभा के बड़े पदाधिकारी भाजपा नेता ने न केवल पत्र लिखा बल्कि इस बारे में खुद अपने स्तर से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। जिसके बाद तमाम तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे और हैलट के बहुचर्चित नर्स बिंदु यादव उत्पीड़न कांड में जांच के दायरे में भी शामिल डा. विनय कृष्णा को डायरेक्टर कार्डियोलॉजी के पद से हटाए जाने की सारी संभावनाएं खत्म हो गई और वह तब तक पद पर रहेंगे जब तक चाहेंगे |
सूत्रों ने बताया कि कानपुर से बाहर तबादला रुकवाने में मिली सफलता से गदगद डायरेक्टर कार्डियोलॉजी इस बारे में जिस आशय की चर्चा
अपने नजदीकी लोगों से कर रहे हैं। उसके मुताबिक अपना डायरेक्टर पर तीसरी बार भी बरकरार रखने में मिली सफलता का मुख्य सूत्रधार विधानसभा पदाधिकारी भाजपा नेता का वह बहुत नजदीकी संबंधी है ,जिसने कार्डियोलॉजी में बिल्डिंग बनवाने का ठेका ले रखा है |
साथ ही यह भी बताया गया कि इस ठेकेदार ने ही अपने नजदीकी भाजपा नेता विधानसभा पदाधिकारी से तबादला रुकवाने वाला कार्य कराने के लिए कुछ शर्तें भी रखी थी , जिन्हें मान लेने के बाद ही डायरेक्टर कार्डियोलॉजी को यह सफलता मिल पाई है। इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाने की भी चर्चा है। फिलहाल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त शासन के संकल्प को धूल धूसरित करते हुए विधानसभा के बड़े पदाधिकारी को भी चर्चा का विषय बना रखा है|