Monday, November 25, 2024
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महापौर एवं नगर आयुक्त की मौजूदगी में निगम पार्षद कुसुम सिंह को दिलाई गई शपथ

जन सागर टुडे
गाजियाबाद- ट्रांस हिंडन वार्ड -83 से पार्षदी गंवाने वाले भाजपा नेता आशुतोष शर्मा की जगह अब भाजपा नेता एसपी सिंह की पत्नी कुसुम सिंह को अदालत ने पार्षद घोषित किया है । वर्ष 2017 में निगम चुनाव हुए थे । वार्ड -83 से भाजपा नेता आशुतोष शर्मा और निर्दलीय कुसुम सिंह मैदान में सिंह मैदान में उतरे । आशुतोष ने 27 वोट से चुनाव जीता । 2018 में कुसुम ने अदालत में याचिका दायर की । इसमें आशुतोष के नामांकन पर सवाल उठाए । अदालत ने पार्षद की सदस्यता निरस्त कर दी है । बुधवार को निगम मुख्यालय में नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर एवं महापौर आशा शर्मा के साथ निगम के कई अधिकारियों की मौजूदगी शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन करते हुए कुसुम सिंह को  शपथ दिलाई गई । नगर आयुक्त एवं महापौर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वह वार्ड में विकास कार्य कराएगी ।
ज्ञात हो कि भाजपा नेता ने साढ़े चार साल में विकास कार्य कराए और इस दौरान उनके नाम के शिलापट लगाए गए । चूंकि आशुतोष का कार्यकाल शून्य घोषित हो गया है । वह नाम से पहले पूर्व पार्षद भी नहीं लिख सकते । नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि कुसुम सिंह की तरफ से पत्र मिलने पर सभी शिलापट पर उनका नाम अंकित करा दिया जाएगा । शपथ दिलाए जाने के बाद महापौर एवं नगर आयुक्त ने फूलों के बुके भेंट करते हुए निगम पार्षद कुसुम सिंह का स्वागत किया ! क्षेत्र के लोगों ने कुसुम सिंह को फूलों के बुके भेंट करते हुए एवं मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी हैं !
सच्चाई की हुई है जीत-  एसपी सिंह
निगम पार्षद कुसुम सिंह के पति एवं भाजपा नेता एसपी सिंह ने कहा कि यह जीत क्षेत्र की जनता और सच्चाई की है ! जनता के प्यार और आशीर्वाद से ही कुसुम सिंह फिर से पार्षद बन चुकी हैं ! एसपी सिंह का कहना है कि उनकी धर्मपत्नी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जरूर चुनाव लड़ा था । निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद उन्हें पार्टी ने बाहर नहीं किया और उन्होंने एक सच्चे कार्यकर्ता के रूप में भाजपा की सेवा की
यह था पूरा मामला…..
बता दें कि वार्ड -83 से भाजपा ने आशुतोष शमां को बतौर प्रत्याशी उतारा था वहीं भाजपा नेता एसपी सिंह की धर्मपत्नी कुसुम सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था । भाजपा नेता एसपी सिंह का आरोप है कि पहले भाजपा की तरफ से उनका टिकट फाइनल किया गया था लेकिन स्थानीय स्तर पर सांठगांठ करते हुए उनको सिंबल नहीं दिया गया जिस कारण उनकी धर्मपत्नी कुसुम सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा । चुनाव में कुसुम सिंह को 2202  मत प्राप्त हुए थे वहीं भाजपा प्रत्याशी के रूप में आशुतोष शर्मा को 2229 प्राप्त हुए थे और उन्हें विजयी घोषित किया गया था । विजयी घोषित किए जाने के बाद आशुतोष शर्मा के विरूद्ध एसपी सिंह ने एक याचिका कोर्ट में दायर की थी जिसमें हवाला दिया गया था कि विजयी घोषित हुए पार्षद आशुतोष ने दो जगह अपनी वोट बनवाई हुई हैं । एक वोट दिल्ली की विश्वासनगर विधानसभा सीट पर तो एक राजेंद्रनगर के वार्ड -83 में वोट बनवाई गई । एसपी सिंह का आरोप है कि दो जगह चोट बनवाने के साथ ही नामांकन फार्म के ग कॉलम को आशुतोष शर्मा की तरफ से रिक्त छोड़ा गया था ।कोर्ट ने सुनवाई करते हुए भाजपा पार्षद आशुतोष शर्मा को अयोग्य घोषित कर दिया है । कोर्ट ने अपने आदेश में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई किए जाने के निर्देश जारी किए हैं वहीं दूसरे स्थान पर रही कुसुम सिंह को पार्षद निर्वाचित किए जाने के आदेश दिए जिसके बाद बुधवार को उन्हें शपथ दिलाई गई ।
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