Monday, November 25, 2024
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डा0 राजेन्द्र प्रसाद में कूट-कूट कर भरा था सादगी, सरलता, सद्भाव, सहयोग, भाईचारा – रामदुलार यादव

जनसागर टुडे
साहिबाबाद-  ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में भारत रत्न, महान विद्वान, प्रखर चिन्तक, किसानों, कामगारों के मसीहा, विलक्षण प्रतिभावान, स्वतंत्रता सेनानी, देश रत्न डा0 राजेन्द्र प्रसाद जी, आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति का जन्म-दिवस समारोह बड़ी धूम-धाम से मनाया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज सेवी एस0पी0 छिब्बर ने किया, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, संचालन केदार सिंह ने किया, समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता, शिक्षाविद राम दुलार यादव मुख्य वक्ता कार्यक्रम में शामिल रहे, सैकड़ों भाई-बहनों ने चित्र पर पुष्प अर्पित कर महान देश भक्त का स्मरण किया !  डा0 राजेन्द्र प्रसाद अमर रहें, के गगन भेदी नारे लगाये गये, कार्यक्रम के अन्त में मिष्ठान वितरण किया गया|
     रामदुलार यादव ने कहा कि आज आजादी के 75 वर्ष होने के हैं लेकिन हम डा0 राजेन्द्र प्रसाद के सपनों का भारत नहीं बना पाये, गरीबी, भूख, पीड़ा, दर्द, बेबसी आज भी देश में विद्यमान है, स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन जितना सादगी पूर्ण सरल था, आज का नेतृत्व जहाँ की 90 करोड़ जनता पर दो जून की रोटी नहीं है, भूख से बेहाल है| कुपोषण में भारत का स्थान 116 देशों में 101वें स्थान पर, प्रसन्नता रिपोर्ट में भी हम पूरे विश्व में 149 में 139वीं रैंक में हैं| वहां का नेतृत्व कर्ज लेकर 8 हजार करोड़ का जहाज प्रयोग करता है, यह चाणक्य की इस उक्ति को चरितार्थ करती है कि जिस देश का राजा देश के संसाधनों का निजी हित में प्रयोग करता है वहां की जनता गरीबी, अशिक्षा, बीमारी का दंश झेलती है| भ्रष्टाचार, बेरोजगारी चरम सीमा पर है, कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है| हमें यहाँ से संकल्प लेकर जाना है कि राजेन्द्र बाबू के जीवन से प्रेरणा ले देश, समाज और व्यक्ति को मजबूत बनाना है| आज लोकतंत्र की जड़ें दरक रही है, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, हमें इस व्यवस्था को बदल कर नया राजेन्द्र बाबू के सपनों का भारत बनाना है| कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता राम दुलार यादव ने कहा कि डा0 राजेन्द्र प्रसाद में सादगी, सरलता, सद्भाव, सहयोग, भाईचारा कूट-कूट कर भरा था, वे विलक्षण प्रतिभा के धनी विद्वान अधिवक्ता रहे, महात्मा गाँधी जी से मिलने के बाद वह स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े, नील के किसानों को अंग्रेज व्यापारियों के चंगुल से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी तथा देश के लोगों में सन्देश दिया कि अंग्रेजों की गुलामी से भारत माँ को मुक्त कराने में अब कोई रुकावट नहीं, जनता को निर्भीकता का सन्देश दिया|
  कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे: राम दुलार यादव, एस0 पी0 छिब्बर, एस0 एन0 जायसवाल, ओम प्रकाश अरोड़ा, डा0 देवकर्ण चौहान, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, मुनीव यादव, बिन्दू राय, कमलेश चौधरी, आशा सचदेवा, मीना ठाकुर, सुरेखा, सीमा यादव, अनिल सिंह, शायदा, शशि वर्मा, धर्मवती, वैजन्ती देवी, उषा, अनीता सिंह, राधा, मीनू यादव, शबाना, शशि कश्यप, संजू शर्मा, लईक इदरीशी, सरदार मक्खन सिंह, अजीत यादव, राम कुमार, मीना, हरिशंकर यादव, प्रेम चन्द पटेल, राजीव गर्ग, सुरेश भारद्वाज, पप्पू सिंह, हरिकृष्ण, रविदास आदि मौजूद रहे !
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