जन सागर टुडे
गाजियाबाद- उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी अजय गुप्ता ने कहा कि कुछ सामाजिक संगठनों ने कोरोना योद्धाओं के नाम को ही धूमिल कर दिया,जो कभी घर से बाहर नहीं निकले,किसी मजलूम या कोरोना से पीड़ित व्यक्ति के दुख सुख में शामिल नहीं हुए हो,वह लोग अपने को कोरोना योद्धा मानने लगे हैं,नागरिकों की नजर में कोरोना योद्धा सरकारी टेंडर लेकर,कोरोना से पीड़ित परिवार की मदद करने से कोई कोरोना योद्धा नहीं बन जाता,1,कोरोना योद्धा है वह हर व्यक्ति,जो इस महामारी को पराजित करके सकुशल अपने घर आ गया हूं,नंबर दो कोरोना योद्धा प्रशासन का हर अधिकारी,उसके अधीन काम करने वाला कर्मचारी,जैसे एंबुलेंस चलाने वाले,सरकारी डॉक्टर और,नर्से,सफाई कर्मचारी सड़क पर खड़े हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए,पुलिस वाले,हर बड़ा अधिकारी हजारों की भीड़ में,चाहे वह मजदूरों के पलायन के समय में अपने स्वास्थ्य की परवाह ना करके उनके सकुशल घर वापसी भेजने की जिम्मेदारी का किरदार निभाया,सिख समाज ने निस्वार्थ सेवा करी,जो व्यक्ति कोरोना से जंग हार गया,उनके परिवार,रिश्तेदार भी हाथ लगाने नहीं आए,उस समय नगर निगम के विकास नाम के कर्मचारी ने,हजारों लोगों का क्रिया कर्म अपने और अपने साथियों के हाथ से करवाया,कोरोना हर व्यक्ति के लिए एक समान था,पर इन लोगों ने अपने स्वास्थ्य की चिंता नहीं करते हुए लोगों की सेवा करी,मैंने देखा है,तत्कालीन एडीएम सिटी,एसडीएम,सिटी मजिस्ट्रेट,सीएमओ और अनेकों प्रशासन के अधिकारियों ने,प्रवासियों की भीड़ में घुसकर उनको सकुशल घर भेजने की मेहनत की,खुद भी पॉजिटिव हो गए,पर ठीक होते ही अपने काम में फिर व्यस्त हो गए,सामाजिक संस्थाओं को सम्मान करना चाहिए,ऐसे लोगों का,टेस्टिंग करने वाले लोगों का,दिन-रात एंबुलेंस चलाने वालों का, एक नाम आता है एंबुलेंस इंचार्ज संजय यादव का भी,जो 15 -15 दिन अपने घरों को नहीं गए,दिन रात एक कर दिए नागरिकों की सेवा करने में,कोरोना से पीड़ित परिवारों में निस्वार्थ भोजन की व्यवस्था करना,और उनके घर भिजवाना,मजलूम जनता को आस होती है अपने जनप्रतिनिधि से,ऐसे समय में जनप्रतिनिधियों का नदारद होना,एक प्रश्नचिन्ह लगाता है,उनका नागरिकों के प्रति कितना लगाव था,कोरोना योद्धा थे,शहर के एक मजबूत स्तंभ मीडिया कर्मी,जिन्होंने ऐसे दौर में भी घूम-घूम कर, शहर के नागरिकों को सच्चाई से अवगत कराया,हम इन सभी कोरोना योद्धाओं का वंदन अभिनंदन करते हैं !