जनसागर टुडे
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। डा. कविता गुप्ता एसोसिएट प्रोफेसर ने सत्र का शुभारंभ किया। उन्होंने एनईपी 2020 के बारे में जानकारी दी और कहा कि शिक्षा के समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण की ओर भारत में यह भारतीय शिक्षा प्रणाली में उपयोग की जाने वाली एक प्राचीन पद्धति है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के इस उत्तर-आधुनिक समाज में नई एनईपी 2020 में समग्र और बहु-विषयक शिक्षा पर बहुत जोर दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र को समावेशी, समग्र, बहु-विषयक और अधिक उपयोगी बनाकर सुधार करना है।
निदेशक डीडीई प्रो. डा. संतोष शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज के विकास में शिक्षा की अहम भूमिका है और दूरस्थ शिक्षा ने समाज के अंतिम व्यक्ति को शिक्षा से लाभान्वित करने का कार्य किया है। उन्होंने एनईपी 2020 के तहत कार्य करने के सम्बन्ध में विशेष चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज तक की बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए इस पूरे विश्वविद्यालय के सभी महत्वपूर्ण स्तंभों की भूमिका है। जिसमें विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण जी, सीईओ डा. शल्या राज, कुलपति डा. वी.पी. सिंह, प्रतिकुलपति डा. विजय वाधवान आदि सहित समस्त सुभारती परिवार का विशेष सहयोग है।
वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में डा. नीतू सिंह और डा. रीना कुमारी ने विस्तार से चर्चा की और एनईपी 2020 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों के बहु प्रवेश और बहु निकास अस्तित्व के बारे में बताया। विशेष स्ट्रीम के लिए विषयों की पसंद जबकि वे प्रमुख जटिल और छोटे सरल विषयों को चुनने का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और एनईपी के भविष्य के पहलुओं को इसके लाभों और चुनौतियों के साथ प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें एनईपी के क्रियान्वयन के लिए वर्तमान परिवर्तनों के लिए पहल करने के लिए संकायों को प्रेरित किया गया है। सुझाव यह भी दिया गया है कि एक संस्थान और संगठन अपनी नई नीति पर विचार करते हुए किसी भी प्रकार से शिक्षा नीति के मंच पर अटके हुए हैं और इसके क्रियान्वयन के लिए आने वाली समस्याओं में सहयोग देने की बात कही तथा इसमे शिक्षक की क्या महत्वपूर्ण भूमिका है और उन्हें इस नई नीति के लिए खुद को कैसे अपडेट करें एवं सभी को प्रोत्साहित करते हुए चर्चा की। सत्र के अंत में श्री रजत सरकार ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, निदेशक डीडीई प्रो डा. संतोष शर्मा, अतिथि वक्ताओं और डा. कविता गुप्ता को पूरे जोश के साथ पूरे सत्र में उनकी सक्रिय उपस्थिति और पहल के लिए धन्यवाद दिया।