गाजियाबाद। महानगर में अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए जीडीए ने बिल्डरों के अलावा जिले के प्रवर्तन विभाग के अभियंताओं की जिम्मेदारी तय कर दी है। यानी अब कहीं भी किसी भी क्षेत्र में अवैध निर्माण की गतिविधि पाई गई तो बिल्डर के साथ-साथ सम्बंधित अभियंता के खिलाफ भी विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय के बाद प्रवर्तन विभाग के अभियंताओं में हड़कम्प मच गया है। इस सिलसिले में जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने प्रवर्तन विभाग के सभी अभियंताओं की बैठक में यह साफ कह दिया है अवैध निर्माण के साथ-साथ क्षेत्र के अवर अभियंता भी जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा सभी अभियंताओं को एक डायरी मेंटेन करनी होगी, जिसमें अवैध निर्माण से सम्बंधित तमाम जानकारियां आंकड़े उपलब्ध कराने होंगे। श्री त्रिपाठी ने बताया कि सम्बंधित अभियंता को प्रमाण पत्र भी दाखिल करना होगा, जिसमें बताया जाएगा कि उसके कार्यकाल के दौरान अवैध निर्माण की गतिविधि पाई गई।उन्होंने बताया कि अब किसी भी बिल्डर अथवा निजी व्यक्ति द्वारा बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जाएगा तो उसे साइट पर बोर्ड लगाना होगा, जिसमें यह लिखी जाएगी कि कितने मंजिल का नक्शा स्वीकृत है। महानगर में 321 अवैध कॉलोनियों को जीडीए ने अपनी साइट पर डाल दिया है और जनता से आग्रह किया है कि किसी भी प्रकार की खरीद फरोख्त ना करें। क्योंकि किसी भी समय इन कॉलोनियों को प्राधिकरण जमींदोज कर सकता है।