जन सागर टुडे
वाराणसी – बढ़ती हुई महंगाई के कारण देश की आर्थिक व्यवस्था कमजोर होती जा रही है जिसका खामियाजा देश की जनता को ही भुगतना पड़ रहा है ! इस महंगाई से जूझती हुई जनता के दर्द को लोक गायक गोपाल राय के गीत में दिखाई पड़ा ! इसी कॉन्सेप्ट पर आधारित लोकगायक गोपाल राय एक पारम्परिक गीत ‘राक्षसनिया महंगाई मुआई के मानी, लेकर आए हैं। जिसे गोपाल राय के ऑफिसियल यूटयूब चैनल पर रिलीज किया गया है। इस गाने को बड़ी खूबसूरती से फ़िल्माया गया है। गाने की शुरुआत से ही मंगाई पर गोपाल राय द्वारा दर्शाया गया है ! इस प्यारे से लोकगीत को गीत आनंद गहमरी एवं संगीत सूरज सिंह ने तैयार किया है गीत पारम्परिक है और आवाज़ गोपाल राय की है।
अपने ही ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर गोपाल राय इस गीत में बढ़ती हुई महंगाई की आलोचना करते दिखाई देते हैं। वह गाते हुए यह बातें कहते हैं कि एक तो लोगों की नौकरी और काम धंधे बंद हो गए हैं ऊपर से इस महंगाई ने सब का जीना हराम कर रखा है ! बढ़ती महंगाई के कारण लोगों के घर के चूल्हा नहीं जल रहे हैं !