मेरठ। बहसूमा नगर के समीप डी 0पी0 एम0 पब्लिक स्कूल मे पर्यावरण दिवस के मौके पर कहा कि इतनी खुशियाँ बाँटो सबको, हर दिन पर्व दिखाई दे। खुद भी पेड़ लगाओ इतने, धरती स्वर्ग दिखाई दे।कोई मानव शिक्षा से भी, वंचित नहीं दिखाई दे। हरे वृक्ष से वायु-प्रदूषण का संहार दिखाई दे। ये कुछ लाइनें आज डी०पी०एम० स्कूल बहसूमा के सचिव जगदीश त्यागी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कही। आज डीपीएम विद्यालय के कक्षा 9 से 12 के सभी बच्चों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
विद्यालय सचिव जगदीश त्यागी ने बताया कि पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें ‘परि’ का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है। वहीं ‘आवरण’ का मतलब है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। और कहा कि पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष सभी को मिलाकर बनता है, और ये सभी चीजें यानी कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है।मानव और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं।पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है।
मानव की अच्छी-बूरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। मानव की बूरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बूरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकर्तिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है।
सचिव जगदीश त्यागी ने इस अवसर पर विद्यालय में छायादार और अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले वृक्षों का रोपण किया और सभी बच्चो और अध्यापकों से अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की अपील की विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री जिया जैदी ने अपने व्यक्त्व्य में कहा कि हमारे पर्यावरण की स्थिति प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण दिन प्रति दिन गिरती जा रही है। बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें हमारे देश में पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ावा देना चाहिए।
यदि हमने समय रहते पर्यावरण रक्षा के लिए प्रयास नही किया तो वह दिन दूर नही जब हमारे अस्तित्व पर संकट आ जायेगा।इस सेमिनार के अवसर पर विद्यालय कोऑर्डिनेटर अनुज त्यागी, गौरव यादव, मुकुल त्यागी, अमित गुप्ता, तनवीर, विशाल शर्मा, विनीता, अलका गुप्ता आदि अध्यापकों का विशेष सहयोग रहा।