भाकियू कार्यकर्ता धरने पर बैठकर काला दिवस मनाते हुए
मेरठ। बुधवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आव्हान पर दिल्ली के गाजीपुर हाईवे पर चल रहे धरने के छह माह होने पर सरकार के खिलाफ शान्ति बनाकर काला दिवस मनाने की अपील की थी। जिस पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने शान्तिपूर्ण बैठकर काला झंडा व सिर पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया । बुधवार को रामराज में स्थित गुरूद्वारा के गेट पर बैठकर भाकियू के कार्यकताओं ने काला झंडा व सिर पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर रमनदीप ग्रेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं हुई है और जन समस्याएं भी तस मुंह फैलाए खड़ी है। जो सरकार की नाकामी का परिचायक है। देश में फैल रही कोरोना जैसी महामारी को रोक पाने में भी सरकार नाकाम साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि 2 वर्ष के कार्यकाल केंद्र सरकार ने जो वायदे जनता से किए थे उनको आज तक भी पूरा नहीं किया गया है। वर्ष 2019 में सरकार के गठन के पश्चात सरकार ने जनता से कई वादे किए थे। लेकिन आज तक भी सरकार ने उन्हें मूर्त रूप प्रदान नहीं किया । उन्होंने कहा कि देश प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजूद भी जन समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है । महंगाई बेरोजगारी मुंह फैलाए खड़ी है और वहीं दूसरी ओर कोरोना जैसी महामारी ने पूरे देश को संकट में डाल दिया है। रोजगार पूरी तरह समाप्त हो चले हैं और श्रमिक आज संकट के मारे अपना भरण-पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं।
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रमिकों मजदूरों के लिए सरकार द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई है और जो घोषणाएं की गई है वह भी आम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पा रही है जो सरकार की विफलता का परिचायक है। सरकार द्वारा थोपे गयेे तीन कानून को लेकर गाााजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। लेकिन छह महीने हो चुके हैं। अभी तक किसानो पर लगाये गये तीन कानून पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिस पर छह महीने होने पर राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर काला दिवस बनााने पर काला झंडा व सिर पर काली पट्टी बाधकर विरोध प्रदर्शन किया। वही रामपुर घोरिया में भाकियू अंबावताा के नेता मोनू पंवार को पुलिस ने नजरबंध किया। शाम होने पर छोड़ दिया। उन्होंने एक ज्ञापन भी सरकाा के नाम सौपा है। इस मौके पर मुख्य रूप से रमनदीप सिंह ग्रेवाल, हरप्रीत सिंह, कर्मजीत सिंह, जोगेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, मुकेश पंकज चाहल, गुरमिन्दर सिंह, इन्द्रजीत सिंह, गुलजर सिंह आदि धरने पर बैठे थे।