जनसागर टुडे संवाददाता, नरेश सिंघानिया
गाजियाबाद। कोरोना की दूसरी लहर अभी जारी है। स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर से बचाव को लेकर हवा में काम अधिक कर रहा है। जमीनी हकीकत यह है कि जिला महिला अस्पताल में बच्चों के लिए प्रस्तावित बाल गहन चिकित्सा इकाई (पीकू) वार्ड बनाने की तैयारी अब तक अधूरी है। इस संबंध में सीएमओ स्तर से जारी किया गया आदेश तक अस्पताल में नहीं पहुंचा है। अस्पताल प्रबंधन को इस संबंध में कोई गाइडलाइन भी नहीं मिली है। बाल रोग विशेषज्ञों का भी भारी टोटा है। सीएचसी एवं पीएचसी में वार्ड बढ़ाए जाने की बात चल रही है लेकिन स्टाफ बहुत कम है। जिला एमएमजी अस्पताल एवं संयुक्त अस्पताल में भी कोई तैयारी शुरू नहीं हुई है। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा. संगीता गोयल के मुताबिक बीस बेड का पीकू वार्ड अस्पताल की दूसरी मंजिल पर बनाया जाएगा। इस वार्ड में शून्य से 18 वर्ष के बच्चों के उपचार का इंतजाम होगा। दो बाल रोग विशेषज्ञ चारू मित्रा और शिखा रानी की देखरेख में पीकू वार्ड का संचालन होगा। वार्ड के लिए दस वेंटिलेटर की मांग सीएमओ स्तर से की गई है।
वर्तमान में महिला अस्पताल में तीन वेंटिलेटर हैं। इनमें से दो आपरेशन थियेटर में लगे हैं तो एक इंमरजेंसी में चालू है। सीएमएस के मुताबिक फिलहाल पीकू वार्ड को लेकर कोई गाइडलाइन उन्हें नहीं मिली है। अपने स्तर से वार्ड के लिए जगह फाइनल कर दी गई है। अस्पताल की नर्सरी में छह नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है। जिला एमएमजी अस्पताल में पीकू वार्ड बनाने को लेकर फिलहाल सन्नाटा है। खुद सीएमएस डा.अनुराग भार्गव का कहना है कि इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलेगा तो कक्ष संख्या34 में पीकू वार्ड बना दिया जाएगा। दो सौ बेड के इस अस्पताल में चिकित्सकों का भारी टोटा है। बर्न वार्ड बीस साल से बनकर तैयार नहीं हुआ है। पोस्ट कोविड क्लीनिक बंद है। ऐसे में पीकू वार्ड बनाने एवं संचालन को लेकर अस्पताल प्रबंधन गंभीर नहीं है। संयुक्त अस्पताल में तो कोविड अस्पताल का संचालन ही सुचारू रूप से हो जाए वहीं ठीक है। पीकू वार्ड बनाने के नाम पर प्रबंधन पीछे हट रहा है जबकि सबसे अधिक संसाधन इसी अस्पताल में है।