Sunday, November 24, 2024
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प्रदेश के शिक्षा मंत्री के आदेश आते ही  निजी स्कूल आये हरकत में, पूरी फ़ीस वसूलने के लिये अभिभावकों पर दबाव बनाने में आयी तेज़ी

जन सागर टुडे संवाददाता

ग़ाज़ियाबाद : निजी स्कूलो के दबाव में निर्णय लेकर प्रदेश सरकार ने 20 मई 2021को एक चुनावी घोषणा की तरह गोलमोल आदेश पेरेंट्स को तोफे के रूप में दे दिया इस आदेश के बाद स्कूलों ने अभिभावकों पर पूरी कंपोसिट फ़ीस जमा कराने का दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है |

20 मई को इस विषय मे उत्तर प्रदेश सरकार का जो आदेश आया है उसमें यह स्पष्टता बाकी है कि सभी अन्य शुल्कों को जोड़ कर जो एकमुश्त मासिक फीस स्कूल वसूलते हैं और उसका विवरण नहीं देते हैं, उन स्कूलों द्वारा इस आदेश का पालन कैसे करवाया जाएगा?

कक्षा ऑनलाइन चलेंगी तो ट्रांसपोर्ट शुल्क का तो कोई औचित्य ही नहीं है। अब सबसे अहम बिंदु – जितनी अवधि के लिये स्कूल बंद रहेगें, उस अवधि में स्कूल पढ़ाई के अलावा कोई शुल्क नहीं लेंगे जैसे कि क्रीड़ा, लैब, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, वार्षिक शुल्क इत्यादि।

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के संज्ञान में यह बात है जिसे वह लगातार उठाते आये हैं कि 2018 में जिला शुल्क नियामक समिति के गठन होते ही उन जिले के स्कूलों ने सभी शुल्क टयूशन फ़ीस में जोड़ कर समिश्रित कंपोसिट फीस बना कर 2019 में बिना अभिभावकों की स्वीकृति से लागू कर दी थी।

लेकिन अब इस आदेश के बाद स्कूलों को वह समिश्रण का विवरण निकाल कर अतिरिक्त शुल्कों को फ़ीस से हटाना होगा। उधर स्कूलों ने ईमेल द्वारा इस आदेश को अभिभावकों तक अधूरा भेज सिर्फ़ यह उजागर किया है कि इस वर्ष फ़ीस नहीं बढ़ेगी, परन्तु अतिरिक्त शुल्क जो फ़ीस में से हटाने का मुख्य बिंदु है उसे छुपा कुछ स्कूल आदेश का उल्लंघन कर पूरी फीस माँग रहे हैं।

इसी कड़ी में शास्त्री नगर स्थित नेहरू वर्ल्ड स्कूल द्वारा दोपहर को आदेश के आते ही रात को लेटर बना फीस जमा करने के अभिभावको को भेज दिया जबकि पत्र में केवल 2021/22 में फीस ना बढ़ाने का लिखा गया है और बाकी शासनादेश के अनुसार बाकी शुल्क ट्यूशन फीस से पृथक करने का कोई जिक्र नही है   स्कूल के अभिभावको ने जीपीए से इनके ख़िलाफ़ प्रशासन से शिकायत करने की भी गुहार लगाई है।

गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश सरकार से  निवेदन करता है कि पिछले 15 महीनों से बंद पड़े स्कूलों द्वारा मांगे जाने वाली फ़ीस की इस समस्या की तरफ़ ध्यान दिया है तो यह भी सुनिश्चित करें कि जिन शुल्कों को बंद स्कूल नहीं ले सकते वह सभी शुल्क कंपोसिट फीस में से हटाये जायें और ऑन लाइन क्लास के अनुसार फीस निर्धारित कर  डी.एफ.आर.सी और जिला विद्यालय निरीक्षक को इसे पूरी शक्ति से इसे लागू कराने और इस विषय मे किसी भी विवाद को त्वरित सुलझाने के लिये भी निर्देशित किया जाये अन्यथा यह आदेश भी पिछले साल की तरह मात्र कागज का टुकड़ा बन निजी स्कूलों द्वारा अभिभावको का शोषण करने माध्य्म बन रह जाएगा

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