Sunday, November 24, 2024
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जीपीए ने कहा पिछले वर्ष की तरह ही छलावा साबित ना हो उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने शिक्षा मंत्री को दिए आदेश

जन सागर टुडे संवाददाता

गाजियाबाद: पेरेंट्स एसोसिएशन ने कल उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा जी के द्वारा फीस वृद्धि पर रोक के आदेश पर कहा कि कोरोना काल शुरू होते ही मार्च 2020 में प्रदेश के स्कूल भौतिक रूप से बंद हुए औऱ ऑनलाइन शिक्षा के इतर स्कूल द्वारा सामान्य रूप से दी जाने वाली सभी सेवाओं से छात्रों को वंचित होना पड़ा चाहे वो स्कूलो के खेल का मैदान हो या फिर  इससे जुड़े सभी खेल के सामान, साइंस लैब, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, सब , क्लास रूम स्टडी, बिजली, पानी आदि हो सबका प्रयोग में आना पूर्णतया बंद हो गया।

लेकिन निजी स्कूलों ने लॉक डाउन से लेकर पूरे शिक्षा सत्र 2020/21 में पूरी फ़ीस वसूलने के तुगलकी फरमान दे दिये और परीक्षा प्रक्रिया मार्च में ही समाप्त कर इससे जुड़े समस्त शुल्क भी पेरेंट्स से वसूलते रहे और बकाया फ़ीस के नाम पर नये नये हथकंडे अपना कर अभिभावकों का शोषण करते रहे और नए शिक्षा सत्र 2021/22 में भी  फीस बढ़ा कर अगला सत्र शुरू कर दिया गया और प्रसाशन, शिक्षाअधिकारी और सरकार चुप्पी साधे रहे।

गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन इस पूरे समय में अभिभावकों के साथ चट्टान बन कर खड़ा रहा और लगातार प्रयत्नशील रहा कि सरकार अभिभावकों की पीड़ा पर ध्यान दे और इसका समाधान निकाले।

अंततः 20 मई 2021 को इस विषय मे उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा जी द्वारा पिछले वर्ष की तरह इस बार भी नए शिक्षा सत्र में फ़ीस वृद्धि और ट्रांसपोर्ट शुल्क पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है वो बात अलग है पिछले वर्ष भी आदेश के बाद भी निजी स्कूलों की अभिभावको से खुली लूट जारी रही छात्र / छत्राओ की ऑन लाइन क्लास बंद कर दी गई , रिजल्ट रोक दिया गया, परीक्षा में बैठने नही दिया गया आदि। पेरेंट्स की शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा जी और शिक्षा

अधिकारियों से सीधी शिकायत करने के बाद भी उत्तर प्रदेश के किसी भी निजी स्कूल पर कोई कार्यवाई नही हुई और पूरे वर्ष अभिभावक चुप्पी साधे बैठी सरकार से न्याय की गुहार लगाते रहे इस बार भी पूर्व वर्ष की तरह अभिभावको में उम्मीद की किरण जगी है, प्रदेश सरकार द्वारा दिये गए आदेश में यह बिंदु स्पष्ट है ।

कि इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह फ़ीस व्रद्धि नहीं होगी औऱ 2019 वाले सत्र में जो फ़ीस ली गयी थी उससे अधिक कोई स्कूल नहीं वसूलेंगे साथ ही यह भी लिखा है कि जब कक्षा ऑनलाइन चलेंगी तो ट्रांसपोर्ट शुल्क का तो कोई औचित्य ही नहीं है। इस आदेश में सबसे अहम बिंदु यह है कि  जितनी अवधि के लिये स्कूल बंद रहेगें, उस अवधि में स्कूल पढ़ाई के अलावा कोई शुल्क नहीं लेंगे जैसे कि क्रीड़ा, लैब, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, वार्षिक शुल्क इत्यादि।

तो अब देना उसी सेवा के लिए है जो स्कूल आपको दे रहा है अर्थात ऑनलाइन क्लास के हिसाब से फ़ीस शायद उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री आदेश देते हुये यह भूल गये की फीस अधिनियम को बने तीन साल बीत जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में जिलास्तरीय शुल्क नियामक समति का गठन हुआ ही नही है। जिन जिलों में कमेटी का गठन हुआ है ।

वहाँ पर जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति ने निजी स्कूलो से साठ- गांठ कर सभी अतरिक्त शुल्क जैसे वार्षिक शुल्क, कंप्यूटर शुल्क, लाइब्रेरी शुल्क, परीक्षा शुल्क, मेंटिनेंस शुल्क आदि को टयूशन फ़ीस में जोड़ कर समिश्रित कंपोसिट फीस बना कर 2019 में बिना अभिभावकों की स्वीकृति से लागू कर दी है, जो स्वयं शिक्षा मंत्री जी के सज्ञान में है क्योंकि समिति द्वारा सभी शुल्कों को ट्यूशन फीस में जोड़कर कंपोसिट फीस बनाने का विरोध गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा अनेक बार किया गया था

जिसका सज्ञान लेते हुए पूर्व जिलाधिकारी श्रीमती ऋतु महेश्वरी जी ने दिनाँक 24/05/2019 को अपर मुख्य सचिव ( माध्यमिक शिक्षा ) को इस बिंदु पर क्लेरिटी के लिए लिखा था।

लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी शासन से इस पर कोई क्लेरिटी नही दी गई और निजी स्कूलों का कंपोसिट फीस लेना लगातार जारी है जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश पर अभिभावको के मन मे शंसय पैदा कर रहा है

फिर भी अगर यह आदेश शिक्षा अधिकारी लागू करा पाए तो प्रदेश के निजी स्कूलों को वह समिश्रण शुल्क का विवरण निकाल कर ट्यूशन फीस में जोड़े गए अतिरिक्त शुल्कों को फ़ीस से हटा कर ऑन लाइन फीस का निर्धारण कर अपने ही आदेश कंपोसिट फीस बनाना को पलटना और लागू कराना  शिक्षा अधिकारियों और प्रदेश सरकार के लिये टेढ़ी खीर साबित होगा जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी और प्रवक्ता विनय कक्कड़ ने कहा है।

कि शासन आदेश जारी करने के साथ ही शिक्षा मंत्री जी और शिक्षा अधिकारियों को इन शासन आदेशों को लागू करने की जिम्मेदारी और जबाब देहि भी निश्चित करनी चाहिए अन्यथा पिछले वर्ष की तरह निजी स्कूल अभिभावको का शोषण करते रहेंगे और प्रदेश के शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा जी मीडिया में आदेश जारी कर अपनी पीठ थपथपा कर वाही वाही लूटते रहेगे उमीद है इस बार अभिभावको को इस आदेश से सीधी राहत मिलेगी और पिछले साल की तरह छलावा साबित नही होगा

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