जन सागर टुडे संवाददाता
मेरठ। उत्तर प्रदेश में मेरठ ब्लैक फंगस का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। प्रदेश में गुरुवार शाम तक 168 मरीज मिले हैं, जिसमें 80 मेरठ में हैं। मेडिकल कालेज में गुरुवार को ब्लैक फंगस के दो मरीजों की मौत हो गई। केजीएमयू, लखनऊ में इलाजरत मेरठ की एक महिला की मौत हो गई । जिले में अब तक सात मरीजों की जान जा चुकी है । अस्पतालों में कई मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड प्रभारी डा. धीरज बालियान ने बताया कि पिछले 24 घंटे में ब्लैक फंगस से दो मरीजों की मौत हो गई।
मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस के 30 मरीज पहुंच चुके हैं। सात से ज्यादा मरीजों को नई दिल्ली एवं एम्स ऋषिकेश रेफर किया जा चुका है । डा. राज ने बताया कि शासन ने मरीजों के इलाज के लिए एंफोटेरिसिन-बी का सौ इंजेक्शन दिया है। हर मरीज को दस-दस इंजेक्शन लगाया जाता है। दवाओं की कमी हो गई है। ईएनटी विभाग ने कई मरीजों की सर्जरी का प्लान किया है। यहां ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए नया वार्ड बना दिया गया है। आनंद में 11 मरीजों का आपरेशन : आनंद अस्पताल में ब्लैक फंगस के 11 मरीजों का आपरेशन किया गया है। डा. पुनीत भार्गव, फिजिशयन एनपी सिंह व न्यूरोसर्जन डा. अजय गुप्ता की टीम मरीजों का आपरेशन कर रही है। इसमें दो मरीजों के दिमाग तक फंगस पहुंच गया था, जिसके लिए न्यूरोसर्जरी की गई।
डा. भार्गव ने बताया कि फंगस नाक के रास्ते आंख और चंद दिनों में दिमाग तक पहुंचकर मौत की वजह बन सकता है। उधर, न्यूटिमा अस्पताल में अब तक आठ, कनग ईएनटी में आठ, मेरठ किडनी अस्पताल में चार, लोकप्रिय में तीन व केएमसी में दो मरीज मिले हैं। कोरोना मरीज लंबे समय तक आइसीयू में रहने से बचें। शुगर नियंत्रित रखें। बेवजह स्टेरायड, एंटीबायोटिक एवं एंटी वायरल दवाओं का सेवन करने से भी प्रतिरोधक क्षमता गिरती है, इससे बचें। आइसीयू में रहने के बाद घर पहुंचकर साफ वातावरण में रहें। गमले व खेत की मिट्टी से दूर रहें। मास्क लगातार रखें। अगर आंख व नाक में दर्द व एक तरह चेहरे पर दर्द हो। मुंह व नाक में भूरापन या कालापन नजर आए तो डाक्टर से संपर्क करें।