जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : करणी सेना व्यापार शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक गुप्ता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द व्यापारी वर्ग को भी मुक्त पहली प्रियॉरिटी बेसिस पर वेक्सीन मुहैय्या कराने मांग की है अभिषेक गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार के हेल्थ केयर व अन्य समस्त फ्रंट लाइन व्यक्तियों को वर्गों को प्राथमिकता पर टीका लगाया गया था,एवँ अभी भी इस अभियान के तहत यह कार्य अभी चलाया जा रहा है,उस वक़्त के हिसाब से सरकार का यह फैसला काबिले तारीफ था अभिषेक गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष करणी सेना व्यापार शक्ति उत्तरप्रदेश अपने प्रदेश के व्यापारियों के लिए एक आवाहन करता हूँ,और यह प्रार्थना के निवेदन प्रेक्षित करता हूँ,की उसी प्रकार प्रदेश के हर एक जिले में व्यापारी वर्ग के लिए इस अभियान को पहली प्रियॉरिटी देते हुए जल्दी प्रदेश के हर एक जिले में चलाया जाए,आदरणीय जी पूरे प्रदेश में इस अभियान को स्वयं सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर समस्त प्रदेश में करणी सेना व्यापार शक्ति आपको हर एक जिले में पूर्ण रूप से व्यवस्था में सहयोग करेगा,और हर प्रकार से कोविड की जो भी मुख्य गाइडलाइंस है उन्हें फॉलो करेंगे और करवाएंगे,आपके द्वारा चलाये गए अब तक के कोविड वेक्सीन के अभियान को चलाना हर प्रकार से ऊचीत था और आवश्यक भी, ठीक उस ही प्रकार आप से प्राथना है आम नागरिक के लिए जैसे इस अभियान को चलाया गया है उसी प्रकार व्यापारीयों और उनके कारीगरों को भी प्राथमिकता देते हुए टीका लगाने का अभियान चलाया जाए। व्यापारी हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है। व्यापारी व्यापार करता है तो सरकार को कर देता है। उसही कर से सरकार समस्त योजनाएं लाती है। व्यापारी व्यापार करता है तो रोज़गार पैदा होता है। रोज़गार से ही गरीबी से लड़ने की शक्ति मिलती है और उस रोज़गार से भी सरकार को आयकर व अन्य प्रकार की कर मिलते है। यह एक बहुत बड़ी व्यवस्था है,व्यापार चलने से ही चल सकती है कृपया इस विषय पर गंभीरता से विचार कर प्रदेश को अपने इस एतिहासिक वेस्ले से लाभान्वित करें।कोरोना वायरस के कारण सब व्यवस्था ठप हो गई है ।पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा हुआ है। सरकार गरीबों को मुफ़्त राशन आखिर कब देगी,एक जिमेदार नागरिक व्यापारी नेता और व्यापारी और अर्थव्यवस्था की समझ राखतर हुए भविष्य को देखते हुए मेरी करबद्ध विनती है,इस विषय मे पहले दुकान पर व्यवस्थित रूप से बैठने वाले दुकानदारों को वैक्सीन लगनी जरूरी है,फिर एक ऐसा वर्ग भी है जिसकी अपनी कोई पहचान नही लेकिन है तो वह भी व्यापारी और सबसे बड़ी बात उसको भी पूरा हक है अपने साथ आने परिवार की ज़रूरतों को निम्न वर्ग के नागरिक की ज़रूरतों को पूरा करने का,सरकार पटरी दुकानदारों को भत्ता भी दे रही है पर छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारियों को कुछ भी नहीं मिल रहा है। नैतिकता और धर्म के आधार पर सरकार को उसका भी साथ देना चाहिए और बस इतना ही चाहता है कि उसको भी समान अधिकार मिले वह भी टैक्स दे और देश हित्तों मे सहयोग करें ।उसको भी व्यापार करने के अवसर मिले,जिस प्रकार ठेके खोलने की सरकार ने छूट दी हैं।उसी प्रकार सरकार के द्वारा दी गई गाइडलाइंस के आधार पर कृपा व्यापारियों को व्यापार करने की अनुमति प्रदान करें। शराब के ठेके के बाहर तो फिर भी लंबी कतारों के कारण कोरोना फैलने की संभावनाएं ज्यादा है ।जिससे कोरोना के फैलने का खतरा रहता है पर व्यापारी के प्रतिष्ठानों पर तो ऐसा भी नहीं होता है, तब भी शराब के ठेके खोलने के लिए छूट दे दी गयी और इस्थाई व्यापारी को नहीं। पिछले एक वर्ष से देश और व्यापारी वर्ग जिस संकट से गुजर रहा है वह आपसे छुटा नही है, शराब के ठीक है बाहर लंबी लाइनों के बाद भी पुलिस वाले वहां कोई कार्यवाही नहीं करते लेकिन राशन की दुकान के बाहर यदि दो तीन व्यक्ति भी एक साथ खड़े हैं आप तो पुलिस वाले आकर अपनी मनमानी करते हैं ऑपरेशन बनाकर खाने पीने का सामान तक की उगाही कर लेते हैं ।उसका उत्पीड़न करते है और उसका चालान काट देते है।क्या यह वक़्त है ऐसे सभी हरक़तों का व्यापारी यदि नही रह पाया तो देश और उसकी सरकारें और अर्थव्यवस्था भी नही रहेगी इन पुलिस वालों का भत्ता भी नही मिलेगा लेकिन फिर भी व्यापारी ही सबसे बड़ा चोर बेईमान और जब जिसका मन आये वह वैसे शोषण करता है,इन् सभी बातों से व्यापारी काफी रोष में है और यह सब बातें आने वाले विधान सभा चुनाव में न भुगतनी पड़े इसी लिए में सरकार अपनी पार्टी को चेता रहा हूँ कि भविष्य में कोई नुकसान न हो इसलिए सभी गंभीर बातों का संज्ञान लें,हर व्यापारी इतना सक्षम नहीं होता की वह हर संकट के समय को आराम से निकाल ले,इस वक़्त व्यापार करना अपनी दाल-रोटी तक चलाना भारी हो रहा है। ऐसे व्यापारी बहुत कम होते हैं जो हर कठिन समय मे आराम से घर बैठे अपनी जीवन को यापन करलें। अवधकांश व्यापारी प्रतिदिन की अपनी कमाई पर दिन के खर्चों पर निर्भर होता है ,सुबह कमाया और शाम को खाया ।उन्हें तो रोज़ व्यापार करना है और रोज़ की कमाई से ही उनके खर्चे निकलने हैं।आज लॉकडाउन लगने पर भी बिजली का बिल, लोन की किश्तें, स्कूल की फीस, टेलीफोन का बिल, अपने कर्मचारियों की तनख्वाह घर के अन्य खर्चे घर का बिल सीवर टैक्स यह टेक्स वोह एक्स सब यथा स्थित देना है सरकार का कोई इसमें सहयोग भी नही और ऊपर से घर की दाल-रोटी की जिमेदारी सब से पहले है। व्यापारी की अपनी कोई इच्छा नहीं होती जो वह पूरी कर पाए दिनभर विश् पी पी कर अपने जीवन को चला रहा है। और विषम से विषम परिस्थिति में भी डटके सामना कर रहा है । किसान यदि अन्न दाता है तो व्यापारी कर दाता है। कर के साथ-साथ व्यापारी भी देश के अर्थ व्यवस्था का मुख्य हिस्सा है, जब भी देश को जरूरत पड़ी है व्यापारी ने सदैव देश का हर कठिन समय में साथ दिया लेकिन सरकार के द्वारा सौतेला बर्ताव सदैव व्यापारी को आहत करता रहा जरूरत पर तो हम व्यापारी ही काम आते हैं लेकिन हमें कभी कोई अहमियत नहीं मिलती हमें चोर लुटेरा डाकू ऐसी नजरों से देखा जाता है।हम व्यापारी तो सदैव सबके साथ रहते हैं, इस कोरोना काल को ही ले लें, व्यापार बन्द होने के बाद भी जितना हो सकता था, व्यापारी ने सहयोग किया। राहगीरों को खाना और जरूरत का सामान मुहैय्या कराया, प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री राहत कोष में बढ़-चढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई अपने सभी व्यापारी कारोबारी मित्रों बंधुओं को बढ़-चढ़कर सपोर्ट करने को सदैव मोटिवेट किया। इसीलिए मेरा सविनय करबद्ध निवेदन है जिस प्रकार फ्रंटलाइन वॉरियर्स को प्रथम प्राथमिकता के साथ वैक्सीनेशन की जा रही है उसी प्रकार व्यापारी वर्ग को भी प्रथम प्राथमिकता देते हुए वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया जाए व्यापारी सुचारू रूप से यदि व्यापार कर पाएगा तो सरकार बिल्कुल भी लॉस में नहीं आएगी और हमारी अर्थव्यवस्था भी पूर्ण रूप से मजबूत रहेगी और इसी विषय में मैं यह और कहना चाहता हूं कि जो व्यापारी वर्ग अपना जीएसटी रजिस्ट्रेशन दिखाएगा उसको वैक्सीनेशन लगाई जाए या अपनी कंपनी का पैन कार्ड और जीएसटी रजिस्ट्रेशन दिखाएगा उनको फर्स्ट प्रायरिटी पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत वैक्सीनेशन लगाई जाए पूरे प्रदेश में हर जगह हर जिले में करणी सेना व अन्य व्यापार मंडलों के माध्यम से पूर्ण रूप से सरकार को हर प्रकार का सहयोग मिलेगा यह अभियान चलाने में करणी सेना के लायक जो भी आदेश हो सरकार निसंकोच हमें कर सकती है हम 24 घंटे 365 दिन सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।